Mutual Fund Investment: घरेलू शेयर बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली के बीच अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 15,890 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है. यह लगातार 14वां महीना है जब नेट इनफ्लो बढ़ा है. एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड का इनफ्लो मार्च में हुए रिकॉर्ड 28,463 करोड़ रुपये के नेट निवेश से कम है. इक्विटी यानी शेयर में निवेश से जुड़ी स्‍कीम्‍स में नेट इनफ्लो मार्च, 2021 से ही बढ़ रहा है. यह निवेशकों के बीच ऐसी स्‍कीम्‍स को लेकर पॉजिटिव ट्रेंड बताता है. इससे पहले, इक्विटी स्‍कीम्‍स से जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2021 के दौरान लगातार आउटफ्लो (46,791 करोड़) हुआ था. 

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मोतीलाल ओसवाल AMC के चीफ बिजनेस ऑफिस अखिल चतुर्वेदी का कहना है कि मार्केट में उतार-चढ़ाव और ग्‍लोबल व घरेलू स्‍तर पर मैक्रो इंडिकेटर्स को लेकर डर के बीच इक्टिवीज में लगातार इनफ्लो एक अच्‍छा ट्रेंड है. हालांकि, पिछले महीने के मुकाबले निवेश कम आया, यह NFO अलॉटमेंट के चलते हो सकता है. SIP निवेश मजबूत बना हुआ है. उनका कहना है, मौजूदा निवेश रुझानों को देखना दिलचस्प होगा क्योंकि वॉलेटिलिटी की आशंका बनी हुई है. हालांकि, आगे पॉ‍जिटिव ट्रेंड्स बने रहने की उम्‍मीद है.

अप्रैल में SIP कंट्रीब्‍यूशन घटा 

AMFI के मुताबिक, SIP में निवेश अप्रैल, 2022 के दौरान घटकर 11,863 करोड़ रुपये रहा, जो मार्च में 12,328 करोड़ रुपये था. हालांकि, पिछले महीने SIP अकाउंट्स की संख्या रिकॉर्ड लेवल 5.39 करोड़ पर पहुंच गई. अप्रैल में एसआईपी के 11.29 लाख नए अकाउंट खोले गए. आंकड़ों के मुताबिक, डेट कैटेगरी में पिछले महीने 69,883 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो आया, जबकि मार्च में इसमें से 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाले थे. इसके अलावा, गोल्‍ड एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF) 1,100 करोड़ रुपये का नेट निवेश आया. कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में अप्रैल माह के दौरान 72,846 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ, जबकि इससे पिछले महीने 69,883 करोड़ रुपये की आउटफ्लो हुई थी. 

 

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Mutual Fund में ऐसे बनाएं स्‍ट्रैटजी

वेंचुरा सिक्‍युरिटीज लिमिटेड के डायरेक्‍टर जूज़र गबाजीवाला (Juzer Gabajiwala) का कहना है, निवेशकों के लिए इक्विटी मार्केट में अपने पैर जमाने की शुरुआत करने का अच्‍छा अवसर है. अगर मौजूदा माहौल को देखकर पैसा लगाने का प्‍लान है, तो अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स एक बेस्‍ट ऑप्‍शन हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्‍योंकि महंगाई को लेकर काफी अनिश्चितता है. 

गबाजीवाला कहते हैं, मार्केट में यह करेक्‍शन म्‍यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक मौके की तरह है. अगर हम बात करें SIP (सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान) के जरिए म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में निवेश करने वाले निवेशकों की, तो उन्‍हें अपनी एसआईपी जारी रखनी चाहिए. मार्केट की गिरावट से घबराकर SIPs रोकना गलत फैसला होगा. दरअसल, SIP एक आल वेदर प्रोडक्‍ट है. यानी, इसमें आप कभी भी शुरुआत कर सकते हैं. क्‍योंकि एसआईपी लंबे समय के नजरिए से की जाती है और लॉन्‍ग टर्म निवेश पर हमेशा से कम्‍पाउडिंग का लाभ मिलता है. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश की सलाह एक्‍सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस की राय नहीं हैं. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से पराशर्म कर लें.)