Mutual Fund Investment in May 2022: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्‍यूचुअल फंड्स पर निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. मई 2022 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में 18,529 करोड़ का निवेश आया है. SIP निवेशकों की बढ़ती तादाद के चलते लगातार 15वें महीने इक्विटी फंड्स में इनफ्लो बना रहा. एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) की ओर से गुरुवार को ताजा आंकड़े जारी किए. इससे पहले, अप्रैल 2022 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में 15,890 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ था. मार्च 2021 में लगातार इक्विटी फंड्स में निवेश आ रहा है. यूक्रेन-रूस संघर्ष और बेलगाम महंगाई के चलते शेयर बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है. 

फ्लैक्‍सी कैप फंड्स में जबरदस्‍त निवेश 

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AMFI के आंकड़ों के मुताकि, इस साल मई महीने में फ्लैक्‍सी कैप फंड्स में सबसे ज्‍यादा 2,939 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ था. इसके अलावा,  लॉर्ज-कैप, लॉर्ज एंड मिडकैप फंड और सेक्‍टोलर/थिमैटिक फंड्स में हरेक में 2,200 करोड रुपये से ज्‍यादा का नेट निवेश आया है. 

मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी का कहना है कि SIP में लगातार निवेश आ रहा है. इसके चलते इक्विटी फंड्स में नेट इनफ्लो देखा जा रहा है. ग्‍लोबल लेवल पर अनिश्चितता के बावजूद इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स को लेकर निवेशकों का रुझान बना हुआ है. इक्विटी फंड्स की सभी कैटेगरी (Large cap / Mid Cap / Flexi Cap etc) में निवेशक पैसा लगा रहे हैं. डायनेमिक/ BAF कैटेगरी में भी पॉजिटिव इनफ्लो है. रिस्‍क और वॉलेटिलिटी में रिटेल निवेशकों के लिए यह बहुत अच्‍छा ऑप्‍शन है.

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मई में SIP बढ़कर 12,286 करोड़

AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, मई 2022 में SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश बढ़कर 12,286 करोड़ रुपये हो गया, जोकि अप्रैल में 11,863 करोड़ रुपये था. इससे साफ जाहिर होता है कि इक्विटी निवेशक को लेकर रिटेल निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है. यह लगातार नौवां महीना है, जब SIP में 10,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का निवेश आया है. सितंबर 2021 में यह ट्रेंड शुरू हुआ, जब 10,351 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो एसआईपी के जरिए आया था. 

एम्‍फी के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव एनएस वेंक्‍टेशन के मुताबिक, रिटेल म्‍यूचुअल फंड निवेशक SIP मोड से पैसा लगा रहे हैं. लॉन्‍ग टर्म सेविंग्‍स के लिए इक्विटी और हाइ‍ब्रिड क्‍लास में उनका निवेश बना हुआ है. इसके साथ ही रिटेल निवेशक अपनी सेविंग्‍स फिक्‍स्‍ड इनकम एसेट क्‍लास में भी रिअलोकेट कर रहे हैं. इसमें लिक्विटी व ओवनाइट कैटेगरी और गवर्नमेंट सिक्‍युरिटीज स्‍कीम्‍स हैं.