Mutual Fund SIP Investment: म्‍यूचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि तक बनाए रखा जाए, तो अच्‍छा-खासा कॉपर्स बनाया जा सकता है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश आज के समय में बहुत ही आसान है. कई ऐसे मोबाइल ऐप हैं, जिनके जरिए आप निवेश शुरू कर सकते हैं. म्‍यूचुअल फंड में निवेश दो तरह से किया जा सकता है. पहला तरीका कि आप एकमुश्‍त यानी एक ही बार में पूरा पैसा स्‍कीम में लगा दें. दूसरा, यह कि हर महीने SIP (सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान) के जरिए निवेश किया जाए. SIP में यह सुविधा है कि आप 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. लंबी अवधि तक SIP बनाए रखने से कम्‍पाउंडिंग का जबरदस्‍त फायदा होता है. मान लीजिए, आप 5,000 रुपये मंथली SIP शुरू करते हैं, तो 10, 15 और 20 साल में कितना अनुमानित फंड बना सकते हैं. इसे कैलकुलेशन से समझते हैं.

लंबी अवधि में 12% का रिटर्न 

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म्‍यूचुअल फंड SIP की लंबी अवधि के रिटर्न पर नजर डालें, तो कई ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनमें निवेशकों को औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिला है. इस तरह, अगर आप 5,000 रुपये की मंथली SIP करते हैं, और सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है, तो 10, 15 और 20 साल में रिटर्न चेक करिए. 

10 साल का रिटर्न

SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, 5,000 रुपये का मंथली निवेश 10 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 11.6 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 6 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 5.6 लाख रुपये का होगा. 

15 साल का रिटर्न

SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, 5,000 रुपये का मंथली निवेश 15 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 25.2 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 9 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 16.2 लाख रुपये का होगा. 

20 साल का रिटर्न

SIP कैलकुलेटर के मुताबिक, 5,000 रुपये का मंथली निवेश 20 साल तक करते हैं और मिनिमम 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 50 लाख रुपये का अनुमानित फंड बना लेंगे. इसमें निवेश की कुल रकम 12 लाख रुपये और वेल्‍थ गेन 38 लाख रुपये का होगा. 

SIP से रेग्‍युलर निवेश की बनती है आदत

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. एसआईपी के रेग्‍युलर निवेश की आदत पड़ती है. साथ ही निवेश में एक अनुशासन बना रहता है. लंबी अवधि में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनका सालाना एसआईपी रिटर्न औसतन 12 फीसदी और इससे ज्‍यादा रहा है. म्‍यूचुअल फंड में निवेशक को बाजार के डायरेक्‍ट रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलता है. हालांकि, इस निवेश में इनडायरेक्‍ट रिस्‍क रहता है, और मार्केट में उतार-चढ़ाव का असर फंड के प्रदर्शन पर पड़ता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.