Money Guru: आपने जिस फंड में पैसा (Money) निवेश किया था, उसका रिटर्न अगर नेगेटिव है तो जाहिर है आपके मन में यह सवाल उठेंगे कि आखिर ऐसे में क्या किया जाए? क्या फंड मैनेजर बदल लिया जाए? कहीं बदल देने पर नुकसान तो नहीं उठाना पड़ेगा. इन सभी कन्फ्यूजन को दूर करना जरूरी है. अगर आपके भी मन में ऐसी बात चलती है तो यहां ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी एक्सपर्ट पंकज मठपाल से हम इसे जानने की कोशिश करते हैं. फंड्स (mutual funds) को लेकर शायद आपके सवालों के जवाब आपको मिल जाएं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फंड से कब निकलना सही?

पंकज मठपाल का कहना है कि फंड से निकलने का फैसला काफी सोच-समझकर करना चाहिए. हां, अगर आपका फंड आपको नेगेटिव रिटर्न दे रहा है तब आप फंड से बाहर निकलने का फैसला लेने पर सोच सकते हैं. उनका कहना है कि स्कीम 6 महीनों से अंडरपरफॉर्म कर रही हो और फंड मैनेजर के बदलने पर आप बाहर निकल सकते हैं. 

इसके अलावा स्कीम का एलोकेशन बदलने पर भी आप विचार कर सकते हैं. आप यह भी देखें कि स्कीम स्ट्रैटेजी, लक्ष्य से मेल न खाती हो तो आप बाहर निकल सकते हैं. पोर्टफोलियो रीबैलेंसिग करने पर भी ऐसा कर सकते हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

फंड मैनेजर बदलें, क्या करें?

एक्सपर्ट का कहना है कि फंड (mutual funds) मैनेजर बदलने का, स्कीम के एलोकेशन पर असर नहीं होता है. हां, फंड मैनेजर की स्ट्रैटेजी से नुकसान हो रहा हो तो मैनेजर बदलना बेहतर है. इसके अलावा, नए फंड मैनेजर की स्ट्रैटेजी, फंड के लिए बेहतर हो सकती है. इससे आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न का रुख बदल सकता है. अगर नया फंड मैनेजर (Money Guru) भी नाकाम साबित होता है तो निवेश में नुकसान हो सकता है.