Home Loan की EMI चुकाने में हो गई चूक तो क्या होगा? किस तरह से उठाने पड़ेगा नुकसान, जानें बचने का तरीका
समय पर EMI का पेमेंट ना करने से कर्ज़दार का क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. ऐसा होने पर लोगों को भविष्य में फेवरेबल इंटरेस्ट रेट पर लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना कम होती जाती है.
Home Loan: लंबे समय और टैक्स बेनेफिट (Tax benefits) के साथ, जब घर खरीदने की बात आती है तो होम लोन (Home loan) सबसे आसान और पॉपुलर ऑप्शन है. होम लोन लेने वालों को हर महीने EMI चुकानी होती है. लेकिन, कैश की कमी, मेडिकल इमरजेंसी या दूसरी वजहों से कई कर्ज़दार अपने EMI पेमेंट से चूक सकते हैं. हालांकि, एक बार पेमेंट चूक जाने पर इसे ठीक किया जा सकता है. लेकिन, बार-बार किस्त नहीं चुकाने पर आपके फाइनेंशियल स्टेट्स पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर अपने होम लोन की EMI का पेमेंट करने से चूक जाते हैं तो क्या-क्या हो सकता है. आइए जानते हैं.
क्रेडिट स्कोर कम हो जाना
समय पर EMI का पेमेंट ना करने से कर्ज़दार का क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. इसका मतलब यह है कि लोगों को भविष्य में फेवरेबल इंटरेस्ट रेट पर लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना कम हो जाती है. ज्यादातर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन 750 से ज्यादा के क्रेडिट स्कोर को अच्छा मानते हैं.
एक्स्ट्रा पेनल्टी
हर EMI नहीं भरने पर कर्ज़दार को पेंडिंग अमांउट के अलावा जुर्माना और लेट फीस भी जमा करनी होती है. जुर्माना आमतौर पर लोन का 1 से 2% होता है. रेगुलर इंटरेस्ट के अलावा पेनल्टी इंट्रस्ट भी लगाया जाएगा. ये पेनल्टी आप पर फाइनेंशियल बोझ को बढ़ा सकते हैं और आप उधार के आस-पास ही घूमते रहेंगे. कर्ज़दार को बकाया चुकाने के लिए छूट मिलती है. अगर पैसा जमा नहीं किया जाता है तो लेंडर उस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में क्लासीफाइड कर देता है. इससे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को बकाया वसूलने के लिए SARFAESI एक्ट 2002 के तहत कर्ज़दार की संपत्ति या कोलेट्रल की नीलामी करने का लीगल राइट मिलता है.
EMI पर डिफॉल्ट से कैसे बचें
1. बजट लिस्ट बनाएं
ध्यान से एनालिसिस करें कि सभी बकाया चुकाने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसा हो. खर्चों और आमदनी का बजट बनाएं और गैर-जरूरी लेन-देन में कटौती करें. इससे EMI चुकाने के लिए पैसे बचाने में मदद मिलेगी.
2. ऑटोमेटिक EMI पेमेंट
होम लोन EMI पर ऑटोमेटिक डेबिट ऑप्शन ऑन करें. इससे आपका पेमेंट नहीं छूटेगा.
3. लोन को रिफाइनेंस करें
नौकरी छूटने या किसी इमरजेंसी की वजह अपनी EMI का पेमेंट नहीं कर सके हैं तो लेंडर से बात करनी चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेट्स के मद्देनजर शर्तों में बदलाव की रिक्वेस्ट करनी चाहिए. लोन को रिफाइनेंस करना, चाहे वह लंबी अवधि का हो या कोई दूसरा बदलाव, EMI पेमेंट को पटरी पर लाने में मदद कर सकता है.
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