आर्थिक रूप से आश्रित लोगों को वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए जीवन बीमा (life insurance) लिया जाता है. पॉलिसीधारक के निधन पर बीमा धन (sum assured) नॉमिनी को दिया जाता है. इसलिए बीमा कराते समय नॉमिनी का चयन बहुत ही सावधानी के साथ करना चाहिए. आम चाहें तो एक से अधिक व्यक्ति को भी नॉमिनी बना सकते हैं और ये भी तय कर सकते हैं कि प्रत्येक को बीमा धन का कितना हिस्सा मिलेगा.

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नॉमिनी बनने के लिए जरूरी शर्त

बीमाधारक बीमा अवधि के दौरान किसी को भी नॉमिनी बना सकता है. नॉमिनी को बदला भी जा सकता है. परिवार और निकट के रिश्तेदारों को ही नॉमिनी बनाया जा सकता है. ज्यादातर मामलों में लोग माता-पिता, पत्नी और बच्चों को नॉमिनी बनाते हैं. ऐसे में एक सवाल ये है कि क्या दोस्त को भी नॉमिनी बनाया जा सकता है. सामान्य रूप से इसका जबाव है नहीं. लेकिन अगर आप दोस्त की अपने ऊपर निर्भरता साबित कर दें, तो फिर आप उसे नॉमिनी बना सकते हैं.

बदल सकते हैं नॉमिनी का नाम

बीमापॉलिसी में आप नॉमिनी का नाम चाहें जितनी बार बदल सकते हैं. बीमाधारक चाहे तो परिवार को अलावा किसी अन्य को भी नॉमिनी बना सकता है, लेकिन इसके लिए उस व्यक्ति का अपने साथ बीमा हित साबित करना होगा. ऐसा नहीं कर पाने पर बीमा कंपनी आवेदन रद्द कर देगी.

अगर पॉलिसी में कोई नॉमिनी नहीं है या पॉलिसी टर्म के दौरान नॉमिनी की मृत्यु हो गई है, तो क्लेम की स्थिति में बीमाधारक के कानूनी उत्तराधिकारी को बीमाधन दिया जाता है. इसमें बीमाधारक की पत्नी, बेटा, पिता और मां शामिल हैं. अगर बीमाधारक ने कोई वसीहत छोड़ी है तो भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत वसीयत की शर्तों के अनुसार क्लेम दिया जाता है.