एक से ज्यादा Demat Account खोलने के क्या हैं फायदे और क्या हैं नुकसान? समझिए काम की बात
तमाम लोगों के मन में एक सवाल रहता है कि क्या बैंक अकाउंट की तरह डीमैट अकाउंट भी एक से ज्यादा हो सकते हैं? तो इसका जवाब है हां. हालांकि एक से ज्यादा अकाउंट ओपन करने से पहले आपको ये जरूर समझ लेना चाहिए कि इससे आपको क्या फायदे और क्या नुकसान होंगे.
जिस तरह से किसी स्कीम में निवेश करने के लिए आपके पास बैंक अकाउंट होना जरूरी है, उसी तरह अगर आप मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. Demat Account का मतलब Dematerialisation Account होता है. डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है. बस इसको एक्सेस करने के लिए आपके पास लॉगइन आईडी और पासवर्ड होना जरूरी है.
तमाम लोगों के मन में एक सवाल रहता है कि क्या बैंक अकाउंट की तरह डीमैट अकाउंट भी एक से ज्यादा हो सकते हैं? तो इसका जवाब है हां. SEBI की ओर से फिलहाल ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जिसमें ये कहा गया हो कि इन्वेस्टर्स एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट नहीं रख सकते. आइए आपको बताते हैं कि अगर आप एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोलते हैं तो इसके आपको क्या फायदे मिलते हैं और क्या नुकसान होते हैं.
एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट के फायदे
एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट के कुछ खास फायदे नजर नहीं आते. बल्कि ये आपके लिए एक तरह से माथापच्ची करने जैसा हो जाता है. हालांकि आपको इसमें अलग-अलग ब्रोकरेज हाउस की अलग-अलग सुविधाएं लेने का फायदा मिल सकता है. इसके अलावा आप अपने दो अकाउंट को अलग अलग तरह के निवेश के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे एक अकाउंट को लॉन्ग टर्म ट्रांजैक्शन और दूसरे को शॉर्ट टर्म के ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे शेयर्स की बिक्री में किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं होगा. एक से ज्यादा अकाउंट के जरिए आप अपने पोर्टफोलियो को विस्तारित कर सकते हैं और अपनी प्राथमिकता के हिसाब से तमाम ब्रोकर्स द्वारा पेश किए गए कई इंटरफेस से लाभ उठा सकते हैं.
ये हैं नुकसान
नुकसान की बात करें तो एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट होने से इसके रखरखाव का खर्च बढ़ जाता है. हर बार जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो ट्रांसफर फीस भी ली जाती है. इसके अलावा एक से ज्यादा खाते होने पर आपको इसमें काफी समय देना पड़ता है. अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं और एक सक्रिय निवेशक नहीं बन सकते, तो आपको एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट नहीं रखना चाहिए. एक से अधिक डीमैट अकाउंट के मामले में सभी डीमैट अकाउंट को ट्रैक करते रहना जरूरी होता है क्योंकि अगर आपने किसी एक डीमैट अकाउंट में लंबे समय से लॉग-इन नहीं किया है तो आपका अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है.
ऑनलाइन कैसे खोलें डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खोला जा सकता है. ऑनलाइन खाता खोलने के लिए सबसे पहले आपको अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) की वेबसाइट पर जाना होगा या ऐप को इंस्टॉल करना होगा. डीमैट खाते का आवेदन करने के लिए आपको कुछ प्रमुख दस्तावेज देने होंगे और अपनी केवाईसी पूरी करनी होगी. केवाईसी पूरी करने के बाद आपकी रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने और आपका खाता खोलने से पहले इनका वेरिफिकेशन किया जाएगा, इसके बाद आपका अकाउंट ओपन हो जाएगा.