पैसा होगा डबल, सरकारी गारंटी वाली स्कीम में करें निवेश
किसान विकास पत्र भारत सरकार की एकमुश्त निवेश यानी वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम (one time investment) है.
Kisan Vikas Patra: निवेश करते समय अच्छे रिटर्न के साथ-साथ पैसे की सुरक्षा की गारंटी भी मिले तो भला इससे अच्छा और क्या हो सकता है. क्योंकि बाजार में निवेश जोखिमों से भरा रहता है. और कोरोना महामारी ने इस जोखिम को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है.
इसलिए अगर आप एक सुरक्षित और जीरो रिस्क वाला निवेश खोज रहे हैं तो डाकघर का बचत खाता आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. और अगर आप लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra-KVP) स्कीम एक शानदार ऑप्शन है.
क्या है किसान विकास पत्र (What is Kisan Vikas Patra)
किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) भारत सरकार की एकमुश्त निवेश यानी वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम (one time investment) है. इस स्कीम में एक तय अवधि में आपका पैसा दोगुना हो जाता है.
कितने समय के लिए करें निवेश (Kisan Vikas Patra Investment)
देश के सभी डाकघरों और बड़े बैंकों में किसान विकास पत्र में निवेश की सुविधा मौजूद है. इसका मैच्योरिटी पीरियड अभी 10 साल, 4 महीने यानी 124 महीने है.
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कितना निवेश और ब्याज (Kisan Vikas Patra Interest Rate)
किसान विकास पत्र में आप कम से कम 1000 रुपये का निवेश कर सकते हैं और अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. किसान विकास पत्र (KVP) में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश होता है. 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है. किसान विकास पत्र पर पर आपको 6.9 परसेंट का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है.
इस स्कीम की शुरुआत 1988 में हुई थी, तब इसका मकसद किसानों के निवेश को दोगुना करना था. लेकिन अब स्कीम में कोई भी पैसा लगा सकता है.
एकदम महफूज निवेश ( KVP scheme)
पोस्ट ऑफिस की तमाम योजनाओं पर सरकारी गारंटी मिलती है. यानी इसमें जोखिम बिल्कुल नहीं है. इसलिए किसान विकास पत्र को एक अच्छे रिटर्न वाला सुरक्षित निवेश माना जाता है.
किसान विकास पत्र के फीचर्स (Kisan Vikas Patra Features)
किसान विकास पत्र पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. सबसे अच्छी बात ये है कि इस स्कीम पर बाजार के उतार-चढ़ाव से कोई असर नहीं पड़ता है. इसलिए ये निवेश का बेहद सुरक्षित जरिया है. मैच्योरिटी पूरी होने पर आपको पूरी रकम मिल जाती है.
इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है. इस पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्सेबल है.
मैच्योरिटी पर यानी 124 महीने बाद आप रकम निकाल सकते हैं. इसका लॉक-इन पीरियड 30 महीने का होता है. 30 महीने से पहले आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते.
किसान विकास पत्र को कोलैटरल के तौर या सिक्योरिटी के तौर पर रखकर आप लोन भी ले सकते हैं.
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