आज के समय में भी तमाम लोग ऐसे हैं जिनके पास अपना खुद का मकान नहीं है और वो किराए पर रहकर गुजारा करते हैं. खासतौर पर दिल्‍ली, मुंबई, बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों में तो जॉब करने वाले लोग भी अक्‍सर दूसरे शहरों में अपना घर छोड़कर आते हैं और किराए पर रहकर काम चलाते हैं. किराए पर रहने वालों और मकान मालिक के बीच एक लिखित समझौता होता है, जिसे रेंट एग्रीमेंट कहा जाता है.

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ये बेहद जरूरी डॉक्‍यूमेंट होता है. इस एग्रीमेंट में किराये और मकान से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर कुछ निर्देश होते हैं, जिस पर मकान मालिक, किराएदार और गवाह के हस्‍ताक्षर होते हैं. इसे बनवाते समय कुछ बातों का‍ विशेष रूप से खयाल रखना चाहिए, ताकि बाद में आपको किसी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े.

कब बढ़ेगा किराया

आप मकान मालिक को कितना किराया हर महीने देंगे और कब मकान मालिक आपका किराया बढ़ाएगा, सबसे पहले ये तय करें. मंथली किराए का जिक्र रेंट एग्रीमेंट पर होना चाहिए. लेकिन अगर किराया बढ़ाने का जिक्र रेंट एग्रीमेंट में नहीं है और मकान मालिक इसे आने वाले समय में तय करना चाहता है, तो आपके पास मोलभाव का बेहतर अवसर होता है. आमतौर पर मकान का किराया हर साल 10 फीसदी बढ़ जाता है. आप चाहें तो इस पर सहमत हो सकते हैं या फिर मकान मालिक को थोड़ा कम किराया बढ़ाने के लिए तैयार कर सकते हैं.

एग्रीमेंट पर किन बिल्‍स का है जिक्र

रेंट एग्रीमेंट पर कई तरह के नियम और शर्तें लिखी होती हैं. इन्‍हें बहुत ध्‍यान से पढ़ें. देख लें कि कहीं मकान मालिक ने इस पर देर से किराया देने पर किसी पेनल्‍टी का जिक्र तो नहीं किया है. इसके अलावा आपको बिजली, पानी के बिल, हाउस टैक्स और जिम, स्विमिंग पुल, पार्किंग, क्लब आदि की सुविधा और उसके बदले भुगतान के बारे में भी जांच लें. मतलब ये ध्‍यान रखें कि एग्रीमेंट पर केवल उन्‍हीं बिल्‍स का जिक्र होना चाहिए, जो आप मकान मालिक को चुकाएंगे. 

रिपेयर और मेंटिनेंस

आप जिस मकान में रह रहे होते हैं, समय-समय पर उसके रिपेयर, मेंटिनेंस और पेंट की जरूरत होती है. ऐसे में ये खर्च किस पर आएगा, इस बात का जिक्र साफ शब्‍दों में एग्रीमेंट पर किया जाना चाहिए. वहीं अगर कोई दुर्घटना होती है तो उस स्थिति में घर को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा? ये बात भी एग्रीमेंट पर लिखी होनी चाहिए.

इन बातों का भी रखें ध्‍यान

इन सबके अलावा भी रेंट एग्रीमेंट पर तमाम बातें लिखी होती हैं, उन्‍हें ध्‍यान से पढ़ें. मकान में रहने से पहले मकान मालिक को आप सिक्‍योरिटी देते हैं, सिक्‍योरिटी मनी का जिक्र भी एग्रीमेंट पर करवाएं और इसे रिटर्न करने से जुड़े नियमों को भी लिखवाएं. इससे आपके और मकान मालिक के बीच किसी तरह की दिक्‍कत नहीं आएगी. ये ध्‍यान रखें कि एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच का समझौता है, इसमें अगर मकान मालिक ने अपने नियम लिखवाए हैं, तो आप भी अपनी बातों को इसमें लिखवा सकते हैं. साइन करने के बाद रेंट एग्रीमेंट की एक कॉपी अपने पास जरूर रखें क्‍योंकि इससे आपके तमाम काम बन सकते हैं.

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