PPF, NPS, NSC, ELSS जैसी स्कीम्स में लॉक इन पीरियड को लेकर क्या है नियम, निवेश करने से पहले जरूर ध्यान दें
Lock in Period Rules: इनकम टैक्स बचाने वाले सभी इन्वेस्टमेंट पर लॉक-इन पीरियड (Lock in period) जरूर होता है. लेकिन, जरूरी नहीं आप टैक्स बचाने के लिए निवेश किए गए पैसे को 'लॉक' रखें. इसलिए लॉक इन पीरियड को समझना जरूरी है.
Lock in Period Rules: हर साल टैक्स बचाने (Tax Saving) के लिए टैक्स प्लानिंग जरूरी है. लेकिन, क्या टैक्स बचाना काफी है. क्या निवेश पर रिटर्न की कैलकुलेशन जरूरी नहीं? एक्सपर्ट मानते हैं कि टैक्स सेविंग जरूरी है. लेकिन, ऐसे इन्वेस्टमेंट मैंडेटरी लॉक इन पीरियड (Lock in period) के साथ आते हैं. टैक्स बचाने के लिए किया गया निवेश एक निश्चित समय के लिए 'लॉक' हो जाता है. हालांकि, ऐसे इन्वेस्टमेंट प्री-मैच्योर विड्रॉल की सुविधा भी देते हैं. लेकिन शर्तों के साथ. इसलिए जरूरी है कि निवेश से पहले लॉक-इन पीरियड (Lock in period) के नियमों को जरूर समझ लें.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में कितना है लॉक इन?
टैक्स बचाने के लिए PPF सबसे पसंदीदा निवेश रहा है. इसमें अभी 7.1% का ब्याज मिल रहा है. PPF में निवेश 15 साल के लिए लॉक-इन रहता है. लेकिन, शर्तों के साथ PPF से मैच्योरिटी के पहले पैसे निकाल जा सकते हैं. PPF के छठे साल से आप चौथे साल तक के बैलेंस का 50% पैसा निकाल सकते हैं. 1 % की दर से आप PPF पर लोन भी ले सकते हैं. PPF टैक्स के मामले में एग्ज़ेंप्ट, एग्ज़ेंप्ट ,एग्ज़ेंप्ट (EEE) कैटेगरी में आता है यानि आपकी जमा राशि, ब्याज और विड्रॉल सभी टैक्स फ्री हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में लॉक इन का नियम
ये पेंशन प्लस इंवेस्टमेंट स्कीम है. इसमें आप जब तक 60 साल के नहीं हो जाते पैसे निकालने की इजाज़त नहीं है और 60 साल के होने के बाद भी जमा राशि का 60% ही निकाल पाएंगे बाकि 40% से पेंशन प्लान खरीदना अनिवार्य है जो आपको पेंशन का पे-आउट देगा. टैक्स के मामले में सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट और सेक्शन 80 CCD के ज़रिए 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है.
Tax Saving Fixed Deposit में कितना होता है लॉक इन?
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टैक्स सेविंग FD में 5 या 10 साल का लॉक इन होता है. फिलहाल, 5 से 7 % का ब्याज इन FD में मिल रहा है. अलग-अलग बैंक अपना ब्याज तय करते हैं. लॉक इन (Lock in period) को लेकर टैक्स सेविंग FD के नियम कड़े हैं. इसमें प्री-मैच्योर विड्रॉल का विकल्प मिलता ही नहीं है. भले ही आप एक साल के बाद इसमें पैसा जमा करने में असमर्थ हों लेकिन जो भी पैसा जमा होगा वो पांच साल या दस साल बाद ही मिलेगा. टैक्स सेविंग FD में किए जाने वाले निवेश पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है लेकिन इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर बैंक TDS काटते हैं.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) का लॉक इन पीरियड?
पोस्ट ऑफिस से NSC लिया जा सकता है. इसमें निवेश की मिनिमम राशि केवल 100 रुपए की भी हो सकती है. पांच साल का अनिवार्य लॉक इन है. पांच साल से पहले पैसे तभी निकाले जा सकते हैं जब अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है. अगर NSC को एक साल के पहले ही क्लोज़ कर दिया जाए तो ब्याज का फायदा नहीं मिलता है. लेकिन, एक साल चलने के बाद पैसे विड्रॉल किए जाएं तो ब्याज मिलेगा.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में लॉक इन पीरियड का नियम
ELSS फंड में 3 साल का लॉक-इन होता है. इनमें अगर SIP के तहत करेंगे तो FIFO यानि ‘फर्सट इन फर्सट आउट’ के नियम का ख्याल रहे. SIP का हर इंस्टालमेंट तीन साल में मैच्योर होता है यानि पूरी राशि 6 साल के बाद ही मैच्योर होती है. लेकिन आप चाहें तो जो पेमेंट मैच्योर होते जाएं उन्हें विड्रॉ कर सकते हैं.
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05:37 PM IST