Investment Trends: कोरोना के बाद इक्विटी निवेश के तरीके में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. पहले निवेश को लेकर रिटेल निवेशकों का नजरिया शॉर्ट टर्म के लिए होता था. कोरोना महामारी के बाद इस नजरिए में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. अब रिटेल निवेशक इक्विटी इन्वेस्टमेंट में लॉन्ग टर्म पर फोकस कर रहे हैं. वे इस बात को समझने लगे हैं कि अगर निवेश की अवधि लंबी होगी तो रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा और किसी तरह की वोलाटिलिटी से पोर्टफोलियो सुरक्षित रहेगा. यही वजह है कि म्यूचुअल फंड इन्वेस्टिंग ट्रेंड्स में बदलाव देखा जा रहा है. वैल्यु रिसर्च की रिपोर्ट में निवेश के ट्रेंड में हुए बदलाव की विस्तार से जानकारी दी गई है.

Change in Investment Trends

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1>>इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से पहले निवेश की बात करें तो 1 साल से कम अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशक 26 फीसदी थी. महामारी के बाद इसमें गिरावट आई है. अब 23 फीसदी ऐसे निवेशक हैं जो 1 साल से कम अवधि के लिए निवेश करते हैं.

2>>कोरोना से पहले 1-2 साल के लिए निवेश करने वाले निवेशक 26 फीसदी थे. ऐसे निवेशकों के तादाद में भी बड़ी गिरावट आई है. अब 20 फीसदी निवेशक 1-2 साल के लिए निवेश पर फोकस कर रहे हैं.

3>>2 साल से ज्यादा के लिए निवेश करने वाले लॉन्ग टर्म निवेशक पहले 49 फीसदी थे. अब ये बढ़कर 57 फीसदी पर पहुंच गया है. आधे से ज्यादा निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश पर फोकस कर रहे हैं.

ग्रॉस सेविंग में भी आ रहा है उछाल

बीते दिनों इंडिया सेविंग्स एंड इन्वेस्टमेंट को लेकर SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रॉस सेविंग्स FY2020-21 के 29 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 30 फीसदी रहा. वित्त वर्ष 2022-23 में इसे बढ़कर 31 फीसदी पर पहुंच जाने का अनुमान है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में हाउसहोल्ड सेविंग्स में बड़ा उछाल दर्ज किया गया. 

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