PPF Calculator: PPF बनाएगा करोड़पति, हर महीने 12,000 रुपये का निवेश तैयार करेगा 2 करोड़ का फंड; ये है कैलकुलेशन
PPF Investment: अगर आप कम रिस्क के साथ करोड़ों का फंड जुटाना चाहते हैं तो PPF आपके लिए बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. यह रिटायरमेंट फोकस्ड इन्वेस्टमेंट टूल है, जो महंगाई के बीच भी लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए पसंद किया जाता है.
PPF Calculator: सरकार बचत के लिए कई स्मॉल सेविंग्स स्कीम चलाती है. इनमें से एक पॉपुलर स्कीम है- Public Provident Fund (PPF). यह एक रिस्क-फ्री हाई रिटर्न वाली स्कीम है, जिसमें निवेशकों को अश्योर्ड रिटर्न मिलता है. आपके डिपॉजिट और टेन्योर के हिसाब से ये स्कीम आपको करोड़पति बना सकती है, बस आपको कैलकुलेशन पता होनी चाहिए. अगर आप कम रिस्क के साथ करोड़ों का फंड जुटाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. यह रिटायरमेंट फोकस्ड इन्वेस्टमेंट टूल है, जो महंगाई के बीच भी लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए पसंद किया जाता है.
मिलती है टैक्स छूट
इस स्कीम का एक बड़ा फायदा ये है कि आपको इसमें निवेश करने पर टैक्स बेनेफिट मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, PPF EEE यानी exempt-exempt-exempt की कैटेगरी में आता है. यानी कि आप इसमें 1.5 लाख की दर से सलाना निवेश कर सकते हैं और इसपर इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इतना ही नहीं पीपीएफ डिपॉजिट पर मिले ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं लगता.
कितना मिलता है ब्याज
पीपीएफ स्कीम में सरकार हर तिमाही में ब्याज में संशोधन करती है. मौजूदा रेट 7.1% है. अगर आप इस दर पर मिल रहे ब्याज के हिसाब से नियमित तौर पर 25 साल तक निवेश करें तो आप 1 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं. वहीं अगर आप 34 सालों तक निवेश करते हैं तो आपके पास 2 करोड़ से ज्यादा का फंड तैयार होगा.
PPF कैलकुलेटर से समझें कैलकुलेशन
अब मान लीजिए कि मौजूदा ब्याज दर 7.1% के हिसाब से आप हर महीने 12,000 रुपये यानी साल में कुल 1,44,000 रुपये का निवेश करते हैं. अगर आप ये निवेश 34 सालों तक करते हैं तो आपको मैच्योरिटी पर 2 करोड़ दो लाख यानी कुल 2,02,01,418 रुपये मिलेंगे. इन सालों में आपका कुल निवेश की रकम होगी 48,96,000 और आपके कुल ब्याज की कमाई होगी 1,53,05,418 रुपये. यानी आपको कुल अमाउंट मिलेगा 2 करोड़ दो लाख रुपये, जिसमें 1 करोड़ 53 लाख आपका शुद्ध लाभ होगा.
यहां ध्यान रखें कि आपका ब्याज और मैच्योरिटी वैल्यू सरकार की ओर से निर्धारित की गई ब्याज दर पर निर्भर करता है. अगर निवेश के सालों में सरकार इसे बढ़ाती है तो आपका फंड बढ़ेगा, घटाती है तो घटेगा.
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