ELSS Benefits: इन्वेस्टमेंट के लिहाज से जबरदस्त स्कीम- टैक्स बेनिफिट्स और शानदार रिटर्न के साथ मिलते हैं ये फायदे
ELSS स्कीम को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम भी कहते हैं. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड की ये स्कीम आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है.
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निवेश के मामले में दो बातें काफी अहम होती हैं, पहला कि आपको बेहतर रिटर्न मिले और दूसरा टैक्स में छूट मिले. ये दोनों ही फायदे आपको इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (Equity Linked Saving Scheme- ELSS) के जरिए मिल सकते हैं. ELSS इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड होता है जिसमें 80 फीसदी शेयर बाजार में और 20 फीसदी डेट में निवेश किया जाता है. इस स्कीम में आपको बेहतर रिटर्न के साथ सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपए तक टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है. तमाम लोग इस स्कीम को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम भी कहते हैं. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड की ये स्कीम आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. यहां जानिए ELSS में निवेश करने के फायदे.
500 रुपए से कर सकते हैं निवेश
ELSS में निवेश के लिए आपको बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती क्योंकि महज 500 रुपए से भी इसमें निवेश शुरू किया जा सकता है. वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. इसके लिए लॉक-इन पीरियड सबसे कम 3 साल का होता है. साथ ही आपको अपने पसंद की स्कीम चुनने का मौका मिलता है यानी आप अपने बजट और सुविधा के हिसाब से स्कीम चुन सकते हैं.
SIP का विकल्प मौजूद
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में आप चाहें तो पैसा एकमुश्त जमा कर कर सकते हैं या फिर SIP का विकल्प भी चुन सकते हैं. एसआईपी के जरिए आप एक निश्चित रकम, निश्चित अंतराल पर इसमें निवेश करते हैं. SIP कम से कम 500 रुपए की हो सकती है. एकमुश्त निवेश की अपर लिमिट नहीं है.
लॉन्ग टर्म निवेश में बेहतर रिटर्न
जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये स्कीम काफी अच्छा विकल्प हो सकती है क्योंकि ELSS पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. इसमें लंबे समय तक निवेश करके आप अपने लिए एक बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं. पिछले कुछ समय में इस स्कीम में 14 से 17 फीसदी तक भी रिटर्न मिलते देखा गया है.
3 साल का लॉक इन पीरियड
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में सिर्फ तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है, यानी आप तीन साल तक इसमें से पैसा नहीं निकाल सकते. लेकिन इसका कोई मैच्योरिटी टाइम नहीं होता है. इसलिए तीन साल के बाद आप कभी भी अपने पैसे को निकाल सकते हैं या फिर स्वेच्छानुसार जब तक चाहें, निवेश जारी रख सकते हैं. अगर कोई निवेशक डिविडेंड विकल्प का चयन करता है तो 3 साल के लॉक-इन पीरियड के दौरान भी उसे सालाना आधार पर डिविडेंड का लाभ मिलेगा.
टैक्स की छूट
ELSS स्कीम्स से 3 साल बाद पैसा बाहर निकलने पर टैक्स की सेविंग होती है. लेकिन, ये पूरी तरह नहीं है. ELSS पर 1 लाख रुपए तक लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री रहता है. इससे ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इसके अलावा सेस और सरचार्ज देना होता है. वहीं, निवेशक को मिलने वाला डिविडेंड टैक्स-फ्री रहता है.