नए साल में अगर आप नया निवेश शुरु करने वाले हैं या फिर अपने मौजूदा पोर्टफोलियो को रिव्यू करने जा रहे हैं तो Money Guru में हम आपको बता रहे हैं 2020 के 20 दमदार फंड्स के बारे में, जिनमें निवेश आपको अच्छा मुनाफा दिला सकता है. दमदार कमाई देने वाले फंड्स के बारे में हमारे साथ विस्तार से चर्चा कर रहे हैं रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा.  

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 नए साल में निवेश

नए साल में आप निवेश शुरु कर रहे हैं तो हमेशा लक्ष्यों के मुताबिक ही निवेश करना करें. लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड बेहतर होते हैं और छोटी अवधि के लिए डेट फंड्स का चुनाव करें. साथ ही अपने पोर्टफोलियो का समय-समय पर रिव्यू करते रहें.

लार्ज कैप

लार्ज कैप के तहत बड़ी मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में निवेश होता है. टॉप 100 रैंक वाली कंपनियों में लोग ज्यादातर निवेश करते हैं. लार्ज कैप कंपनियों को प्रतिष्ठित और भरोसेमंद माना जाता है. अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियों में अपने फंड का ज्यादा हिस्सा निवेश करना चाहिए. निवेश के दृष्टिकोण से ये कंपनियां ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं. कम जोखिम क्षमता वाले निवेशकों के लिए लार्ज कैप एक बेहतर विकल्प है. इसमें निवेश लंबी अवधि के लिए करना फायदेमंद होता है.

 

मिड कैप

मीडियम मार्केट कैपिटल की कंपनियों में निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है. इन कंपनियों में बड़ी मार्केट कैप वाली कंपनी बनने का दमखम होता है. 101-250 के बीच रैंक वाली कंपनियां में निवेश करें. ध्यान रखें कि यहां ज्यादा जोखिम के साथ ज्यादा अस्थिरता भी बनी रहती है. 

मल्टी कैप फंड

डावर्सिफाइड म्यूचुअल फंड्स मल्टी कैप होते हैं. निवेश के मामले में हाथ बंधे नहीं होते हैं. अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए. इसलिए अपने पोर्टफोलियों में लार्ज, मिड और मल्टी कैप कंपनियों के फंड होने चाहिए. 

ELSS फंड

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) में निवेश से टैक्स की भी बचत होती है. ईएलएसएश म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर आयकर एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. ELSS फंड में  3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसके तहत स्मॉल, मिड और लार्ज कैप में निवेश किया जा सकता है. ELSS फंड्स में Axis Long Term Equity Fund, Mirae Asset Tax Saver Fund और ABSL Tax Relief 96 Fund प्रमुख हैं.

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इंटरनेशनल फंड

म्यूचुअल फंड विदेशी बाजार में भी निवेश करते हैं. इन फंड्स का संचालन भारतीय AMCs करती हैं. इनसे अमेरिका, यूरोप जैसी अर्थव्यवस्था में निवेश का मौका मिलता है. निवेशकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक्सपोजर मिलता है. डायवर्सिफिकेश के लिए ये एक अच्छा विकल्प है और इसके तहत भारत में लिस्टेड न होने वाली कंपनियों में निवेश का फायदा मिलता है.

ओवरनाइट/लिक्विड फंड

अनिश्चितता के माहौल में ओवरनाइट म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प होते हैं. ओवरनाइट म्यूचुअल फंड में मैच्योरिटी सिर्फ 1 दिन की होती है. इन फंड्स के तहत 100% रकम कोलैटरलाइज्ड बॉरोइंग और लेंडिंग ऑब्लिगेशन (CBLO) मार्केट में निवेश की जाती है. CBLO मार्केट में निवेश से जोखिम बहुत कम हो जाता है.

शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड

1 से 3 साल की मैच्योरिटी वाली सिक्योरिटीज में निवेश शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड कहलाते हैं. इनके तहत कमर्शियल पेपर और डिपॉजिट सर्टिफिकेट में निवेश होता है. गवर्नमेंट सिक्योरिटी में भी फंड का निवेश होता है. कोई कंपनी या फंड हाउस शॉर्ट टर्म बॉन्ड जारी कर सकते हैं.