किसी भी नौकरीपेशा व्‍यक्ति की पूरी जिंदगी पैसा कमाने और पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने में गुजर जाती हैं. इसके बाद हर किसी कोई चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद उसकी जिंदगी सुकून से गुजरे. हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपका जीवन आराम से गुजरे तो आपको इसके लिए फाइनेंशियल प्‍लानिंग और बचत करनी होगी. बचत और निवेश के कई विकल्‍प आपकी रिटायरमेंट प्‍लानिंग में मददगार साबित हो सकते हैं. आज हम उन्‍हीं विकल्‍पों की चर्चा करेंगे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF

पीपीएप पैसा बचाने के लिए बेहतरीन विकल्पों में से एक है. इसमें सिर्फ पैसा जमा करना है और इस पर ब्याज लेना है. अगर आप डेट में निवेश करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से पीपीएफ एक बेहतरीन विकल्‍प है. इसका ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. इसकी ब्याज दर 8 फीसदी है. आप बैंक ऑर पोस्ट ऑफिस से पीपीएफ खोल सकते हैं. सुरक्षित निवेश का जरिया है.

कर्मचारी भविष्‍य निधि या EPF

सैलरी में से 12 फीसदी ईपीएफ में जाता है. इसकी ब्याज दर 8.65 फीसदी है. ये रिटायरमेंट के लिए एक अच्‍छी सेविंग्स स्कीम है. हालांकि, सिर्फ सैलरी पाने वाले ही इसका फायदा उठा सकते हैं. हालांकि आप सिर्फ इसकी बदौलत अपनी पूरी रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं कर सकते हैं.

नेशनल पेंशन सिस्‍टम या NPS

नेशनल पेंशन सिस्‍टम  में निवेश कर आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ पा सकते हैं. इसमें 6 अलग अलग फंड में निवेश की सुविधा है. इसमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है. इसमें सालाना न्यूनतम निवेश 6,000 रुपये कर सकते हैं. अगर आप 30 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में आते हैं तो एनपीएस में निवेश कर सालाना 15,000 रुपये बचा सकते हैं. इसमें 18 साल से 55 साल की उम्र तक के लोग निवेश कर सकते हैं.

जीवन बीमा

यूलिप, पेंशन प्रोडेक्ट, ट्रेडिशनल पॉलिसी के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. लंबी अवधि के लिए आप यूलिप में निवेश का सहारा भी सकते हैं. 58 साल से पहले पेंशन प्रोडेक्ट से पैसे निकालने पर एक्जिट लोड लगता है. पेंशन प्लान, रिटायरमेंट प्लान जैसे कई इंश्योरेंस विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, इनमें निवेश करने से पहले आपको दूसरे विकल्‍पों पर विचार करना चाहिए क्‍योंकि विशेषज्ञों के अनुसार बीमा और निवेश को मिलाना नहीं चाहिए.  

म्यूचुअल फंड

अगर लंबी अवधि के लिए निवेश करना है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश कर सकते हैं. एसआईपी या सिप के जरिए निवेश करने पर न सिर्फ आपकी यूनिट खरीदने की लागत औसत हो जाती है बल्कि समय के साथ जोखिम भी कम हो जाता है. लंबी अवधि में इक्विटी म्‍युचुअल फंडों ने बेहतर रिटर्न दिया है.

इक्विटी

इक्विटी के जरिए लंबी अवधि में अच्छा फंड जुटा सकते हैं, हालांकि इसमें थोड़ा जोखिम है और इसमें आपको अपने निवेश के ऊपर नजर रखनी होती है. इक्विटी लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देते है लेकिन इसमें जोखिम ज्‍यादा है. अगर आप अच्‍छे शेयर चुन सकते हैं और उसकी मॉनिटरिंग करते रह सकते हैं तो ठीक, नहीं तो इक्विटी म्‍युचुअल फंड का चयन कर सकते हैं.

रियल एस्टेट

रिटायरमेंट के लिए निवेश के तौर पर आप रियल एस्टेट में निवेश करने का विकल्‍प भी अच्‍छा है. रिटायरमेंट के बाद अगर आप अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देते हैं तो इससे एक नियमित आय आपको होती रहेगी. यह निवेश आप रिटायरमेंट के पहले और रिटायरमेंट के बाद भी कर सकते हैं.