मकर संक्रांति का त्योहार एक ऐसा अवसर होता है, जिस दिन किसी नई चीज की शुरुआत करना शुभ माना जाता है, तो आप भी इस मकर संक्रांति पर म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और वह भी ऐसी जगह जहां आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा. टैक्स सीजन आने में अब कुछ ही वक्त रह गया है. ऐसे में अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो ELSS फंड आपके लिए हो सकता है बेहतर विकल्प. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) फंड टैक्स बचत के साथ देता है अच्छे मुनाफे का फायदा.

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ये इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम क्या है और इसमें निवेश से कैसे और क्या फायदा मिलता है, इस पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं amitkukreja.com के संस्थापक अमित कुकरेजा. 

क्या है ELSS म्यूचुअल फंड

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड है. इस फंड का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी में निवेश होता है. और इस पर 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. ELSS स्कीम में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. यहां फंड डायवर्सिफाइड होने से जोखिम कम होता है. ELSS में सिप (SIP) के जरिए भी निवेश किया जा सकता है. 

ELSS में निवेश के फायदे

निवेशकों के पास निवेश के लिए कई कंपनियों के विकल्प होता हैं. यहां घर बैठे एजेंट की मदद से निवेश कर सकते हैं. यहां अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं है. यहां निवेश करके 1.5 लाख रुपये की अधिकतम टैक्‍स छूट ली जा सकती है. मैच्योरिटी के बाद भी अपनी इच्छा से आप इसमें बने रह सकते हैं. ELSS में डिविडेंड पेआउट चुनने पर बीच में पैसे निकालने का विकल्प मिलता है. यहां निवेश पर ब्याज की जगह मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है. एक साल में मिलता है औसतन  12% का रिटर्न

सिर्फ टैक्स बचत के लिए ELSS में निवेश

ELSS सिर्फ टैक्स बचत का विकल्प नहीं है. यह आपको अच्छा रिटर्न भी दे सकता है. यहां निवेश करके आप डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बना सकते हैं. ज्यादातर ELSS स्कीम मल्टी कैप ऑरिएंटेड होती हैं. इसलिए अपने पोर्टफोलियो में ELSS फंड को जगह दे सकते हैं. लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए ये फंड बेहतर होते हैं.

टैक्स सेविंग के अन्य विकल्प

टैक्स बचत के लिए ELSS के अलावा कई विकल्प मौजूद हैं. आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में भी निवेश कर सकते हैं. दोनों ही स्कीम छोटी बचत योजनाओं का हिस्सा हैं. और दोनों में ही ELSS के मुकाबले ज्यादा 

ELSS से कितना रिटर्न

ELSS फंड का 95% से 100% निवेश इक्विटी में होता है. ऐसे में स्कीम का रिटर्न भी इक्विटी के समान मिलता है. पिछले 3, 5 और 7 साल में ELSS का रिटर्न 11 फीसदी से ज्यादा मिला है. ELSS पर रिटर्न भी मल्टी कैप कैटेगरी के समान मिल रहा है.

 

पोर्टफोलियो में कितने ELSS फंड

आप अगर सिर्फ टैक्स बचत के लिए निवेश कर रहे हैं तो ऐसे में पोर्टफोलियो में एक या दो ELSS फंड रख सकते हैं. निवेश के लिए इक्विटी पोर्टफोलियो तैयार करना है तो पोर्टफोलियो में 3 से 4 फंड रखने चाहिए. पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन का जरूर ध्यान रखें.

लॉक-इन पीरियड के बाद बाहर निकलें

ELSS फंड का लॉक-इन पूरा होने के बाद पैसों की निकासी की जा सकती है. लॉक-इन पर पैसे निकाल देना एक अच्छी रणनीति नहीं है. निवेशक को अगर पैसों की सख्त जरूरत है तो ही निकासी सही है. यहां बने रहने पर ELSS फंड काफी अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. ऐसे में लंबी अवधि के लिए इनमें निवेश फायदेमंद हो सकता है. 

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3 साल बाद हर SIP होगी विद्ड्रॉ

ELSS फंड में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. लेकिन 3 साल बाद आप पूरा निवेश विद्ड्रॉ नहीं कर पाएंगे. आपकी हर SIP 3-3 साल के लिए लॉक-इन होती है. इसलिए पहली SIP के 3 साल पूरे होने पर ही पहली SIP निकाल पाएंगे.