1 नवंबर से बदल जाएगा हेल्थ-जनरल इंश्योरेंस खरीदने का नियम, बढ़ जाएगा इंश्योरेंस प्रीमियम
Insurance KYC rule: 1 नवंबर से हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए अपने ग्राहक को जानिए (KYC) डिटेल अनिवार्य कर दिया जाएगा. इंश्योरेंस पॉलिसी केवल केवाईसी डिटेल पूरा करने पर पॉलिसीधारकों को जारी की जाएगी.
Insurance KYC rule: नई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की योजना बनाने वालों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि नई पॉलिसी के लिए पात्र होने के लिए उनके केवाईसी (KYC) डिटेल अपडेटेड हैं. सूत्रों के अनुसार, 1 नवंबर से हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए अपने ग्राहक को जानिए (KYC) डिटेल अनिवार्य कर दिया जाएगा. इंश्योरेंस पॉलिसी केवल केवाईसी डिटेल पूरा करने पर पॉलिसीधारकों को जारी की जाएगी. वर्तमान में, केवाईसी वेरिफिकेशन वॉलेंट्री है.
बढ़ जाएगा बीमा प्रीमियम
हेल्थ-जनरल इंश्योरेंस में भी KYC जरूरी पॉलिसी खरीदना महंगा हो जाएगा. इससे बीमा प्रीमियम में भी थोड़ी बढ़ोतरी होगी क्योंकि अब केवाईसी चार्ज भी नॉन-लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों में शामिल किया जाएगा. IRDAI का उद्देश्य धोखाधड़ी को नियंत्रित करना और यह सुनिश्चित करना है कि बीमाकर्ताओं के पास पूर्ण विवरण उपलब्ध हैं.
यह नॉन-लाइफ बीमाकर्ताओं द्वारा भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) से पॉलिसीधारकों के लिए केवाईसी अनिवार्य बनाने का आग्रह करने के बाद आया है. उनका मानना था कि इससे उन्हें आपात स्थिति में संबंधित पॉलिसीधारक के संपर्क में आने में मदद मिलेगी और बिक्री में भी मदद मिलेगी.
इससे पहले 2020 में, इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI (भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण) ने जीवन के साथ-साथ जनरल बीमाकर्ताओं को संभावित ग्राहकों के लिए वीडियो-आधारित आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (VBIP) का उपयोग करने की अनुमति दी थी ताकि KYC करने में आसानी हो और बीमा में मदद मिल सके, जो COVID-19 महामारी के प्रभाव से जूझ रहा.
CDSL को होगा फायदा
इस कदम से सीडीएसएल (CDSL) को मदद मिलने की उम्मीद है, जो IRDAI द्वारा अनुमोदित चार डिपॉजिटरी में से एक है और यह देश का पहला लिस्टेड भारतीय केंद्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी है. केवाईसी की पूरी प्रक्रिया सीडीएसएल के जरिए पूरी की जाएगी.