भारतीय डाक देश के नागरिकों को निवेश के लिए एक विकल्प देता है डाकघर की मासिक आय खाता योजना. यह योजना निवेशक को एकमुश्त निवेशकर मासिक आधार पर ब्याज कमाने का विकल्प देता है. इस खाते की परिपक्वता अवधि पांच साल होती है, इसमें खाताधारक को एकमुश्त जमा पर हर माह ब्याज मिलता है. फिलहाल (तीसरी तिमाही के लिए) इस योजना में पांच साल के लिए निवेश पर ब्याज 7.7 प्रतिशत है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डाकघर मासिक आय खाता योजना 

इस खाता को और ज्वाइंट दोनों तरह से ही खोला जा सकता है. व्यक्तिगत खाता खोलते वक्त आप इस योजना में 1,500 रुपये और अधिकतम 4.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. लेकिन ज्वाइंट खाते में अधिकतम 9 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है. यह योजना सेवानिवृत कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद उपयोगी है. इसमें मासिक आधार पर ब्याज मिलता है.

संयुक्त खाता भी खोलने का विकल्प

दो या तीन वयस्क व्यक्ति मिलकर संयुक्त खाता भी खुलवा सकते हैं. इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आमदनी पर जो भी आय होगी, वह प्रत्येक संयुक्त खाताधारक को बराबर-बराबर दी जाएगी. ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में परिवर्तित करा सकते हैं. इसी प्रकार सिंगल अकाउंट को भी कभी भी ज्वाइंट अकाउंट में परिवर्तित करा सकते हैं. हां, अकाउंट का प्रारूप बदलने के लिए सभी खाताधारकों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन-पत्र की जरूरत होती है.

राशि की निकासी की शर्त

विशेष परिस्थिति में आप इस योजना के तहत जमा पैसे को पहले भी पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन ऐसा करने पर आपको कुछ पैसा काटकर वापस मिलेगा. ध्यान रखें कि खाता खुलने के एक साल तक आप पैसा नहीं निकाल सकते. हां, अकाउंट खुलने के एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं तो जमा रकम का 2 प्रतिशत काटकर वापस किया जाएगा. अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मेच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा का 1 प्रतिशत काटकर वापस किया जाएगा.

योजना को ये बनाते हैं आकर्षक

- इस योजना के तहत आप खाते को एक डाकघर से दूसरे डाकघर में स्थानांतरित कर सकते हैं

- जब इस निवेश की राशि की परिपक्वता पांच साल पर पूरी हो जाती है तो आप इसे दोबारा निवेश कर सकते हैं

-खाताधारक इसमें किसी नामांकित व्यक्ति को भी नियुक्त कर सकता है. किसी अन्होनी के कारण खाताधारक की मौत के बाद जमा राशि का हकदार नामांकित व्यक्ति होता है

-इस योजना में एक खास बात यह है कि इसमें टी़डीएस नहीं लगता, जबकि इस निवेश के बदले प्राप्त ब्याज कर योग्य होता है.