जानिए Income Tax Audit के लिए किन दस्तावेजों की होती है जरूरत, नहीं कराने पर कितनी लगती है Penalty?
टैक्स ऑडिट (Tax Audit) रिपोर्ट फाइल करने की आखिरी तारीख आमतौर पर 30 सितंबर होती है. अगर आप इस तारीख तक टैक्स ऑडिट नहीं करवाते हैं तो आपको जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. आइए जानते हैं टैक्स ऑडिट से जुड़े तमाम सवालों के जवाब.
जो लोग कोई बिजनेस करते हैं या फिर कोई प्रोफेशनल सर्विस देते हैं और उनकी कमाई एक तय सीमा से अधिक होती है, उन्हें ITR फाइल करने से पहले अपने अकाउंट्स का ऑडिट (Audit) करवाना जरूरी होता है. टैक्स ऑडिट (Tax Audit) रिपोर्ट फाइल करने की आखिरी तारीख आमतौर पर 30 सितंबर होती है. अगर आप इस तारीख तक टैक्स ऑडिट नहीं करवाते हैं तो आपको जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. आइए जानते हैं टैक्स ऑडिट से जुड़े तमाम सवालों के जवाब.
किसे करावाना होता है टैक्स ऑडिट?
आयकर अधिनियम की धारा 44एबी के तहत अगर आप कोई बिजनेस करते हैं, जिसका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा है तो आपको टैक्स ऑडिट कराना होगा. हालांकि, अगर आपने धारा 44एडी के तहत प्रिज्म्पटिव टैक्सेशन स्कीम का फायदा लिया है और आपका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम है तो आपको टैक्स ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है. वहीं अगर आप एक प्रोफेशनल सर्विस देते हैं और आपकी सालाना ग्रॉस रिसीप्ट 50 लाख रुपये से अधिक है, तो भी आपको टैक्स ऑडिट कराना होगा.
टैक्स ऑडिट के लिए किन दस्तावेजों की होती है जरूरत?
टैक्स ऑडिट के लिए कैश बुक होनी जरूरी है, जिसमें सारी कैश रिसीप्ट और पेमेंट का हिसाब-किताब हो. इसके अलावा आपके पास एक जर्नल बुक होनी चाहिए, जिसे मर्केंटाइल अकाउंटिंग सिस्टम के आधार पर मेंटेन किया गया हो. साथ ही एक लेजर बुक होनी चाहिए, जिसमें डेबिट-क्रेडिट की एंट्री होनी चाहिए. इतना ही नहीं, तमाम बिल्स की कार्बन कॉपी भी होनी चाहिए. यानी आपके पास पैसों के आने और जाने से जुड़े तमाम दस्तावेज होने जरूरी हैं.
समय से टैक्स ऑडिट नहीं कराने पर क्या होगा?
जब भी बात टैक्स ऑडिट की आती है तो दो चीजों पर ध्यान देना चाहिए. पहला है ऑडिट रिपोर्ट, जिसके लिए आपको अपने खाते 30 सितंबर तक ऑडिट कराने जरूरी होते हैं. वहीं दूसरा है आईटीआर, जिसे फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर है. ध्यान रहे कि ये आईटीआर उन लोगों के लिए, जिन्हें टैक्स ऑडिट कराना जरूरी होता है. जिसे टैक्स ऑडिट कराना जरूरी होता है, अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसका इनकम टैक्स रिटर्न डिफेक्टिव मान लिया जाता है. उसे सेक्शन 139 (9) के तहत डिफेक्टिव आईटीआर के लिए ऑटोमेटिक तरीके से नोटिस भेज दिया जाता है. अगर आखिरी तारीख तक कोई शख्स टैक्स ऑडिट नहीं कराता है तो उस पर टोटल सेल्स, टर्नओवर या ग्रॉस रिसीप्ट की 0.5 फीसदी पेनाल्टी लगेगी या उसे 1.5 लाख रुपये चुकाने होंगे, जो भी कम हो.