अगर आपने किसी एक वित्त वर्ष में दो कंपनियों में नौकरी की है, तो आपको 2 फॉर्म-16 (Form-16) जारी होते हैं. आज के वक्त में ये बात तो बहुत सारे लोग जानते हैं, लेकिन यह बहुत ही कम लोगों को पता है कि ऐसे हालात में अक्सर आप पर एडवांस टैक्स (Advance Tax) की लायबिलिटी भी बन जाती है. समय से एडवांस टैक्स ना चुकाने की वजह से आप पर पेनाल्टी और ब्याज भी लगता है. इसका पता अक्सर लोगों को तब चलता है, जब वह आईटीआर फाइल करते हैं, क्योंकि इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग की तरफ से साल के बीच में इसे लेकर कोई कम्युनिकेशन नहीं किया जाता है.

दो कंपनी में नौकरियां की हैं तो चेक करते रहें लायबिलिटी

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अगर आपने भी किसी वित्त वर्ष में दो कंपनियों में नौकरी की है तो आपको भी दो फॉर्म-16 जारी होंगे ही. वहीं अगर आपकी सैलरी अधिक है तो आप पर एडवांस टैक्स की लायबिलिटी भी बनेगी. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी सैलरी के हिसाब से साल की शुरुआत में ही चेक कर लें कि आप पर एडवांस टैक्स की लायबिलिटी तो नहीं बन रही. अगर आपकी लायबिलिटी बनती है, तो उसे समय से चुका दें, वरना आपको पेनाल्टी और ब्याज दोनों ही चुकाना होगा.

क्या होता है एडवांस टैक्स?

एडवांस टैक्स एक तरह का इनकम टैक्स ही होता है, जो वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही आयकर विभाग के पास जमा करना होता है. इसे सामान्य टैक्स की तरह सालाना आधार पर एकमुश्त नहीं चुकाया जाता, बल्कि किस्तों में जमा किया जाता है. इसके तहत टैक्सपेयर्स एडवांस में ही टैक्स आयकर विभाग के पास जमा करते हैं.

किसे चुकाना होता है एडवांस टैक्स?

एडवांस टैक्स उन लोगों को चुकाना होता है, जिनकी टैक्स देनदारी 10 हजार रुपये से अधिक होती है. यह नौकरीपेशा लोग, फ्रीलांसर, व्यापारियों और अन्य किसी तरह से पैसे कमाने वाले लोगों पर लागू होता है. हालांकि, अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है, जो किसी तरह की बिजनेस नहीं करते हैं, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट मिली हुई है.

कब चुकाना होता है एडवांस टैक्स?

एडवांस टैक्स को सामान्य टैक्स की तरह साल में एक बार एकमुश्त नहीं देना होता, बल्कि किस्तों में चुकाना होता है. इसे हर तिमाही के हिसाब से चुकाना पड़ता है. इसकी तारीख इनकम टैक्स विभाग की तरफ से तय की जाती है. वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए यह तारीखें 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च हैं.

कितना एडवांस टैक्स चुकाना होता है?

एडवांस टैक्स चुकाया भले ही किस्तों में जाता है, लेकिन उसकी गणना पूरे साल के हिसाब से की जाती है. आपको एडवांस में ये कैल्कुलेट करना होगा कि आप पर साल में करीब कितना टैक्स लग सकता है. अपनी इनकम से आप डिडक्शन हटाकर बची हुई इनकम पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स का कैलकुलेशन कर सकते हैं. 

इसके बाद आपको 15 जून को अपने एडवांस टैक्स का कम से कम 15 फीसदी चुकाना होगा. वहीं 15 सितंबर तक एडवांस टैक्स का 45 फीसदी, 15 दिसंबर तक एडवांस टैक्स का 75 फीसदी और 15 मार्च तक एडवांस टैक्स का 100 फीसदी चुकाना होता है.

एडवांस टैक्स नहीं चुकाया तो क्या होगा?

नौकरीपेशा लोगों के मामले में कई बार नौकरी बदलने की सूरत में अक्सर कंपनियों की तरफ से टीडीएस सही से नहीं कट पाता और एडवांस टैक्स की लाएबिलिटी बन जाती है. ऐसे में आपको चेक करना होगा और एडवांस टैक्स जमा करना होगा, वरना आप पर एक चार्ज भी लगेगा और आपको ब्याज भी चुकाना पड़ेगा.