TCS On Hotel Booking: ऑनलाइन यात्रा सेवा मुहैया कराने वाले पोर्टल MakeMyTrip का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति टूर ऑपरेटरों के पोर्टल के जरिये विदेश में होटल बुक करता है, तो उसपर टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) काटने की जिम्मेदारी बैंक की होनी चाहिए. मेकमाईट्रिप समूह के उपाध्यक्ष-कराधान तजिंदर सिंह ने कहा कि यदि ई-कॉमर्स पोर्टल से यात्रा के लिए पैकेज बुक किया जाता है, तो कंपनी अपने ग्राहकों से यह बताने को कहेगी कि क्या वित्त वर्ष के दौरान विदेश भेजी गई राशि सात लाख रुपये की सीमा से अधिक तो नहीं है. 

1 अक्टूबर से ओवरसीज़ ट्रैवल पर 20% TCS 

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सरकार ने कहा है कि इस साल पहली अक्टूबर से किसी एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक के यात्रा पैकेज पर पांच प्रतिशत टीसीएस लगाया जाएगा. यह राशि इस सीमा से अधिक होने पर टीसीएस की दर 20 प्रतिशत होगी. अभी इस तरह के पैकेज पर टीसीएस की दर पांच प्रतिशत है, बेशक खर्च की गई राशि कितनी भी हो. 

"डीलर बैंकों की होनी चाहिए जिम्मेदारी"

सिंह ने कहा कि विदेश यात्रा के खर्च पर टीसीएस संग्रह के दो पहलू हैं - एक जहां टूर पैकेज ई-कॉमर्स पोर्टल का उपयोग करके बुक किया जाता है और दूसरा जब ग्राहक एकल होटल बुकिंग करने के लिए पोर्टल का उपयोग करता है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइट से बुक किए गए यात्रा पैकेज के मामले में कंपनी ग्राहकों से एक वित्त वर्ष में अबतक भेजी गई कुल राशि का ब्योरा मांगेगी. एकल होटल बुकिंग के मामले में अधिकृत डीलर बैंकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे इस बारे में ग्राहकों से घोषणा लें. 

सिंह ने कहा, ‘‘हम बैंकों से बात कर रहे हैं. बैंकों को इसके लिए अपनी स्वयं की सुविधा और बुनियादी ढांचे के साथ आना होगा. ऐेसे में वे उपभोक्ताओं के ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) ब्योरे के आधार पर सूचना जुटा सकेंगे. हम बैंकों से कह रहे हैं कि वे अपनी ओर से इस बारे में अनुपालन करें.’’

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