ITR Filing FY 2023-24 (AY 2024-25): 1 अप्रैल के साथ नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है और साथ ही टैक्सपेयर्स के लिए शुरू हो गया है इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन. 1 अप्रैल से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने efiling portal (eportal.incometax.gov.in) पर टैक्सपेयर्स के लिए ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म लाइव कर दिए हैं. यानी कि अब टैक्सपेयर्स चाहें तो अपना टैक्स रिटर्न भर सकते हैं. डिपार्टमेंट ने FY 2023-24 (AY 2024-25) के लिए ITR-1, ITR-2 और ITR-4 फॉर्म उपलब्ध करा दिए हैं. तो अब जो भी टैक्सपेयर्स इन फॉर्म को भरने के पात्र हैं वो अपना आईटीआर भर सकते हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि इसके पहले डिपार्टमेंट ने ITR-1, ITR-2 और ITR-4 फॉर्म के लिए ऑफलाइन एक्सेल सुविधा भी शुरू की थी. साथ ही ITR-1, ITR-2, ITR-4 और ITR-6 के लिए FY 2023-24 (AY 2024-25) के लिए ऑफलाइन JSON सुविधा भी शुरू कर दी गई थी.

किसे भरना है कौन सा ITR Form?

लेकिन ये कैसे पता चले कि कौन सा ITR Form किसे भरना होता है? तो आइए बताते हैं.

ITR Form 1

वो भारतीय नागरिक जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपए तक है, वो फॉर्म 1 को भरते हैं. 50 लाख तक की कमाई में आपकी सैलरी, पेंशन या किसी अन्‍य सोर्स को भी शामिल किया जाता है. 5000 रुपए तक की कृषि आय को भी इसमें शामिल किया जाता है. लेकिन अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्‍टर है, किसी अनलिस्‍टेड कंपनी में निवेश किया हो, कैपिटल गेन्‍स से कमाते हों, एक से ज्‍यादा हाउस या प्रॉपर्टी से इनकम करते हों या फिर बिजनेस से कमाई करते हैं, तो ये फॉर्म आप नहीं भर सकते हैं.

ITR Form 2

अगर आपकी कमाई 50 लाख रुपए से ज्‍यादा है तो ये फॉर्म आपके लिए है. इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, इन्वेस्टमेंट पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपए से ज्यादा की डिविडेंड इनकम और खेती से हुई 5000 रुपए से ज्यादा की कमाई के बारे में बताना होता है. इसके अलावा अगर पीएफ से ब्‍याज के तौर पर कमाई हो रही है, तब भी ये फॉर्म भरा जाता है.

ITR Form 3

बिजनेसमैन, इक्विटी अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया हो, किसी कंपनी में पार्टनर के तौर पर कमाई कर रहे हों, तो आप ITR Form 3 भर सकते हैं. इसके अलावा ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन्‍स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए की इनकम होती है, तो भी आप ये फॉर्म भर सकते हैं.

ITR Form 4

इंडिविजुअल और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए होता है. अगर आपकी इनकम अपने बिजनेस या किसी पेशे से होती है जैसे डॉक्‍टर-वकील की आमदनी, पार्टनरशिप फर्म्स (LLP के अलावा) चलाने वाले, धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम करने वाले और सैलरी या पेंशन से 50 लाख से ज्‍यादा की कमाई करने वाले लोग इस फॉर्म को भरते हैं. अगर आप फ्रीलांसर हैं लेकिन सालाना कमाई 50 लाख से ज्‍यादा है, तो भी ये फॉर्म आप भर सकते हैं.

ITR Form 5

आईटीआर 5 उन संस्थाओं के लिए होता है, जिन्होंने खुद को फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड करा रखा है. एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है.

ITR Form 6 और 7

जिन कंपनियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मिलती है, उनके लिए ITR Form 6 होता है. जिन्‍हें 139(4A) या सेक्शन 139(4B) या सेक्शन 139(4C) या सेक्शन 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करना होता है, उन कंपनियों और लोगों को ITR Form 7 भरने की जरूरत होती है.