Income Tax: क्या बच्चे की इनकम पर भी लगता है टैक्स? जानें इस बारे में क्या कहता है नियम
आज के समय में कंटेंट क्रिएशन कमाई का एक ऐसा पॉपुलर जरिया बन गया है, जिससे बच्चे भी वैध तरीके से इनकम कर रहे हैं. लेकिन क्या बच्चों की इनकम टैक्स के दायरे में आती है? इसको लेकर क्या कहता है नियम?
Income Tax: क्या बच्चे की इनकम पर भी लगता है टैक्स? जानें इस बारे में क्या कहता है नियम
Income Tax: क्या बच्चे की इनकम पर भी लगता है टैक्स? जानें इस बारे में क्या कहता है नियम
भारत में वैसे तो बाल मजदूरी पर प्रतिबंध है. लेकिन आजकल कंटेंट क्रिएशन कमाई का एक ऐसा पॉपुलर जरिया बन गया है, जिससे बच्चे भी वैध तरीके से इनकम प्राप्त कर सकते हैं. तमाम बच्चे इसके जरिए अच्छा खासा पैसा कमा भी रहे हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या बच्चों की ऐसी इनकम टैक्स के दायरे में आती है? अगर बच्चे की इनकम पर भी टैक्स की देनदारी तय है, तो कौन देता है ये टैक्स? क्या कहता है इस बारे में आयकर का नियम?
दो तरह से हो सकती है नाबालिग की इनकम
एक नाबालिग के पास दो तरह की आय हो सकती है. पहली अर्जित की गई आय, जिसे उसने खुद कमाया हो और दूसरी वो आय जो उसने न कमाई हो, लेकिन मालिकाना हक बच्चे का ही हो. अगर बच्चा किसी प्रतियोगिता या रियलिटी शो के जरिए, सोशल मीडिया के जरिए या किसी पार्ट टाइम जॉब के जरिए कमाई करता है तो इसे उसकी अर्जित की गई आय माना जाता है. लेकिन अगर बच्चे को कोई संपत्ति, जमीन, जायदाद वगैरह किसी से गिफ्ट के तौर पर मिलती है, तो इसे उसकी अनर्जित आय माना जाता है. पैरेंट्स बच्चे के नाम से अगर कोई निवेश करते हैं और उस पर जो ब्याज मिलता है, इसे भी बच्चे की अनर्जित इनकम ही माना जाता है.
क्या कहता है कानून
आयकर संबंधी कानून की धारा 64 (1ए) के अनुसार नाबालिग अगर 1500 रुपए तक कमाता है तो उसे टैक्स नहीं देना होता, लेकिन अगर 1500 से ज्यादा कमाता है तो वो आय टैक्स के दायरे में आती है. ऐसे में नाबालिग की इनकम को उसके माता-पिता की आय में जोड़ दिया जाता है. फिर पैरेंट्स को कुल आय पर निर्धारित टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स देना होता है. अगर माता और पिता दोनों ही वर्किंग हैं, तो दोनों में से जिनकी आमदनी ज्यादा है, उसकी इनकम में बच्चे की आय को जोड़कर टैक्स की गणना की जाती है. माता-पिता को एक बच्चे की आमदनी पर सालाना 1500 रुपए तक की टैक्स छूट भी मिलती है. पैरेंट्स टैक्स छूट का दावा अधिकतम दो बच्चों के लिए कर सकते हैं.
तलाक की स्थिति में क्या होगा
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मान लीजिए कि अगर बच्चे के माता-पिता का तलाक हो चुका है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे की इनकम को उस पेरेंट की आय में जोड़ा जाता है, जिनके पास बच्चे की कस्टडी है. इसके अलावा अगर बच्चा अनाथ है, तो उसे अपना आईटीआर खुद भरना होगा. वहीं अगर Section 80U में बताई गई किसी भी डिसेबिलिटी से बच्चा ग्रसित है और डिसेबिलिटी 40 फीसदी से ज्यादा है, तो उसकी आय को माता-पिता की इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा.
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