Tax Savings in FY25: ₹1.5 लाख तक सालाना टैक्स डिडक्शन का फायदा, जानिए PPF स्कीम की खासियतें
Tax Savings in FY25, PPF: इस स्कीम में टैक्सपेयर्स हर साल तक सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख तक जमा कर टैक्स डिडक्शन का फायदा क्लेम कर सकता है. इसके अलावा भी इस स्कीम में अन्य दूसरे तरह से टैक्स की बचत होती है.
Tax Savings in FY25, PPF: नया वित्त वर्ष 2024-25 शुरू हो गया है. टैक्सपेयर्स खासकर सैलरीड क्लास को नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही टैक्स सेविंग्स भी शुरू कर देनी चाहिए. टैक्स बचाने के पॉपुलर ऑप्शन में एक PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड है. यह लंबी अवधि की मैच्योरिटी वाली स्मॉल सेविंग्स स्कीम है. इस स्कीम में टैक्सपेयर्स हर साल तक सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख तक जमा कर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसके अलावा इस स्कीम में अन्य दूसरे तरह से टैक्स की बचत होती है. यहां यह जानना जरूरी है कि अभी देश में दो तरह के टैक्स रिजीम हैं. न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम. सेक्शन 80C का लाभ ओल्ड टैक्स रिजीम में ही ले सकते हैं. आइए स्कीम की डीटेल जानते हैं ...
PPF: पैसे व रिटर्न सुरक्षित व गारंटीड
PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) देश में पॉपुलर सेविंग्स स्कीम्स में से एक है. यह स्कीम को केंद्र सरकार की ओर से ऑफर किया जाता है, इसलिए इसमें निवेश की रकम और रिटर्न सुरक्षित व गारंटीड होते हैं. PPF को छोटे निवेशकों को लाभ पहुंचाने के मकसद से सरकार ने लॉन्च किया था. PPF में मिनिमम 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं. मैक्सिमम 1.5 लाख जमा कर सकते हैं.
PPF में 15 साल का लॉक-इन होता है. यानी, यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है. मैच्योरिटी की अवधि पूरी होने पर इसे 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, लगातार 5 वित्त वर्ष तक जमा के बाद इसमें विड्रॉल (पैसा निकालने) की सशर्त अनुमति है.
PPF में जमा रकम ब्याज की कैलकुलेशन हर महीने की जाती है और यह ब्याज रकम हर फाइनेंशियल वर्ष के अंत में PPF खाते में जमा की जाती है. ब्याज की कम्पाउंडिंग सालाना आधार पर होती है. सरकार की ओर से तिमाही आधार पर ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है. मंथली ब्याज की कैलकुलेशन हर महीने की 5 तारीख के बाद, महीने के आखिरी दिन तक के सबसे कम PPF बैलेंस पर की जाती है. इसलिए, PPF निवेशकों के लिए हर महीने की 5 तारीख से पहले कॉन्ट्रीब्यूशन फायदे का सौदा रहता है.
PPF: Tax Savings का बेहतर ऑप्शन
PPF पर टैक्स सेविंग्स का जबरदस्त लाभ होता है. यह EEE कैटेगरी (एग्जम्प्ट, एग्जम्प्ट, एग्जम्प्ट) के अंतर्गत आता है. इसका मतलक कि मूल राशि, मैच्योरिटी राशि और साथ ही अर्जित ब्याज तीनों पर टैक्स नहीं लगता है. जिन टैक्सपेयर्स ने ओल्ड टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुना है, वो PPF के अंतर्गत टैक्स बेनेफिट हासिल कर सकते हैं. 1 जनवरी 2024 से PPF की ब्याज दर 7.1% सालाना है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के अंतर्गत PPF में मैक्सिमम एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. यानी, इस स्कीम में हर साल आप अपनी इनकम से 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं. इसका फायदा 15 साल तक उठा सकते हैं.
PPF: कौन ले सकता है लाभ
PPF में केवल एक भारतीय निवासी अकाउंट खोल सकता है. NRI, PPF खाता खोलने के लिए योग्य नहीं हैं. हालांकि, एक निवासी भारतीय जो खाता खोलने के बाद NRI बन गया है, वह मैच्योरिटी तक खाता जारी रख सकता है. माता-पिता / अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए भी PPF अकाउंट खोल सकते हैं. पीपीएफ में ज्वाइंट अकाउंट और कई अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है.
PPF: अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
कोई भी भारतीय व्यक्ति पोस्ट ऑफिस या राष्ट्रीयकृत बैंकों और ICICI, Axis, HDFC जैसे प्रमुख प्राइवेट बैंकों के जरिए PPF अकाउट खुलवा सकते हैं. अकाउंट खुलवाने के लिए फॉर्म A (यह फॉर्म किसी भी बैंक से लिया जा सकता है जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है) की जरूरत पड़ती है.
इसके अलावा KYC डॉक्यूमेंट के लिए पहचान वैरिफाई करने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं. इसके अलावा एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होगी. इसके लिए नॉमिनी के लिए फॉर्म E (यह फॉर्म किसी भी बैंक से ले सकते हैं जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है) देना होगा.