पिछले हफ्ते शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की गई थी. इस रिपोर्ट में कमाई और इनकम टैक्स से जुड़ी कई बड़ी बातें सामने आई हैं. वित्त वर्ष 2013-14 में 23 ऐसे लोग थे, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी. उनकी कुल कमाई 29,290 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2021 में 100 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाले लोगों की संख्या 136 हो गई है. हालांकि, उनकी टोटल कमाई में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी हुई है और यह 34,301 करोड़ रुपये रही.

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अगर इन आंकड़ों के संदर्भ में देखा जाए तो 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाने वालों की कमाई में कमी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2014 में 100 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले 23 लोगों की कमाई पूरे वित्त वर्ष की कुल कमाई में हिस्सेदारी 1.64 फीसदी थी. वहीं दूसरी ओर, भले ही 2021 में 100 करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कुल कमाई में उनकी हिस्सेदारी घटकर 0.77 फीसदी रह गई है.

करदाताओं की संख्या बढ़ी

ताजा डाटा के मुताबिक 5-10 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं की तरफ से आईटीआर फाइल करने की संख्या बढ़ी है. 2023-14 से अगर 2021-22 की तुलना करें तो यह 295 फीसदी बढ़ी है यानी करीब 4 गुना हो गई है. 

10 लाख से 25 लाख रुपये के बीच कमाने वालों की तरफ से आईटीआर फाइल करने की संख्या 291 फीसदी बढ़ गई है. AY22 में 70 मिलियन आईटीआर फाइल हुए थे, जो AY23 में बढ़कर 74 मिलियन हो गए और AY24 में 31 दिसंबर 2023 तक यह संख्या 82 मिलियन पर पहुंच चुकी है.

आय में असमानता घटी

इनकम में असमानता निकालने के लिए Gini Coefficient का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अनुसार AY15 (FY14) से AY23 (FY22) के बीच आय में असमानता 0.472 से घटकर 0.402 पर आ चुकी है.

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 36.3 फीसदी टैक्सपेयर ऐसे हैं, जो लोअर इनकम (3.5 लाख रुपये से कम) से हायर इनकम में गए हैं. एक बड़ा आंकड़ा ये भी सामने आया है कि 15 फीसदी करदाताएं महिलाएं हैं.