वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) शुरू की थी. उसके बाद से हर बजट में इसमें कुछ ना कुछ बदलाव किया जाता है. इस बार के बजट में भी सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं. इस बजट में नई टैक्स (Income Tax) व्यवस्था में 2 बड़े बदलाव किए. पहला ये कि स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं दूसरा बदलाव ये है कि कॉरपोरेट एनपीएस (NPS) के तहत कर्मचारी का कॉन्ट्रिब्यूशन 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है. नई टैक्स व्यवस्था में हुए इन बदलावों के चलते अब आप 8.30 लाख रुपये तक की सैलरी पर टैक्स छूट पा सकते हैं. आइए समझते हैं कैलकुलेशन.

पहले जानिए टैक्स स्लैब के तहत छूट के बारे में

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सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था की तुलना में नई टैक्स व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के लिए पिछले साल के बजट में इसमें कुछ बदलाव किए हैं. इसके तहत एक तो आपको 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना है. वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये तक है तो आपको 3-7 लाख रुपये यानी बचे हुए 4 लाख रुपयों पर टैक्स छूट भी मिल जाएगी. साथ ही सरकार ने इसे और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए दो तरह के डिडक्शन का फायदा दिया है.

1- स्टैंडर्ड डिडक्शन

नौकरीपेशा लोगों को पुरानी टैक्स व्यवस्था में अभी तक 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. हालांकि, अब इसे बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है. यानी भले ही आपकी सैलरी कितनी भी हो, आपको 75 हजार रुपये पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. इस तरह आपको 7 लाख नहीं, बल्कि 7.75 लाख रुपये तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

2- कॉरपोरेट नेशनल पेंशन सिस्टम

आप एंप्लॉयर के जरिए एनपीएस (NPS) में कॉन्ट्रिब्यूशन लेकर स्टैंडर्ड डिडक्शन के ऊपर कुछ अतिरिक्त छूट पा सकते हैं. एनपीएस में 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपये और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये की छूट के अलावा 80CCD(2) में अतिरिक्त छूट मिलती है. इसके तहत आपको एंप्लॉयर की तरफ से आपके एनपीएस में किए गए निवेश पर छूट मिलेगी. प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी अब अपनी बेसिक सैलरी का 14 फीसदी तक एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों के लिए यह आंकड़ा पहले से ही 14 फीसदी था.

कैसे ₹8.30 लाख होंगे टैक्स फ्री?

मान लेते हैं कि आपका 8.30 लाख रुपये का पैकेज है. ऐसे में आपकी बेसिक सैलरी आपके सीटीसी का कम से कम 50 फीसदी (₹4.15 लाख) होगी. ऐसे में आप कॉरपोरेट एनपीएस अकाउंट में इसका 14 फीसदी यानी 58,100 रुपये तक निवेश करवा सकते हैं. 8.30 लाख रुपये पर 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और 58,100 रुपये के कॉरपोरेट एनपीएस पर टैक्स छूट मिलेगी. इस तरह आपको कुल मिलाकर 1,33,100 रुपये तक का डिडक्शन मिलेगा, जिसकी वजह से आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये से कम (6,96,900 रुपये) रह जाएगी और आप पर टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी.

क्या करना होगा ये छूट पाने के लिए?

अधिकतर कंपनियां एनपीएस की सुविधा देती ही हैं. आप अपनी कंपनी के एचआर से बात कर के एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं. यह निवेश आपकी बेसिक सैलरी से होता है और इसका नतीजा ये होगा कि आपको हर महीने मिलने वाली इनहैंड सैलरी कम हो जाएगी. अच्छी बात ये रहेगी कि आप अतिरिक्त टैक्स छूट पा सकेंगे. अगर आपकी कंपनी में एनपीएस की सुविधा नहीं है तो एक बार एचआर से बात करें, वह आपको इस पर गाइड करेंगे.