अगर आप सैलरीड एम्पलॉई हैं तो आपको Leave Encashment की जानकारी होगी. इसका मतलब किसी कर्मचारी की बची हुई छुट्टियों को कैश में बदलवाने से है. चाहे प्राइवेट हों या सरकारी सभी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में इसकी जानकारी दी जाती है कि उनकी एक साल में कितनी छुट्टी होगी और कितनी वो एन्कैश करा सकते हैं. और आपको पता होना चाहिए कि लीव एन्कैशमेंट टैक्सेशन के दायरे में आता है. यह किनपर लागू होता है, और क्या इसपर कुछ लिमिट होती है, इसे विस्तार में समझते हैं.

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ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों में आमतौर पर तीन तरह की छुट्टियां देती हैं- सिक (Sick), कैजुअल (Casual) और अर्न्ड (Earned). सिक और कैजुअल लीव्स एक कैलेंडर ईयर में यूज़ न की जाएं तो लैप्स हो जाती हैं, लेकिन अर्न्ड लीव को कैरी फॉरवर्ड करा सकते हैं. हालांकि, कुछ कंपनियों में यह सुविधा नहीं मिलती. और तो और कैरी फॉरवर्ड कराने वाली छुट्टियां भी एक लिमिट में होनी चाहिए.

इस लिमिट के पार जाने वाली छुट्टियां या तो लैप्स हो जाती हैं या फिर कंपनी की पॉलिसी के हिसाब से इसे एन्कैश कर दिया जाता है, और यही अमाउंट टैक्स के दायरे में आता है. दरअसल, इसे आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाता है और इस लिहाज से यह उसी तरह टैक्सेशन का पार्ट होता है, जिसतरह से आपकी सैलरी टैक्सेशन का पार्ट है.

क्या है लीव एन्कैशमेंट पर टैक्सेशन का नियम?

- अगर कोई कर्मचारी रिटायर होता है और उसके पास अर्न्ड लीव पड़ी हुई हैं तो वो इन्हें एन्कैश करा सकता है. 

- टर्मिनेशन यानी जॉब से निकाले जाने की स्थिति में कर्मचारी अपनी छुट्टियां कैश नहीं करा सकता. 

- अगर जॉब में रहते हुए छुट्टियां एन्कैश कराना चाहते हैं तो इसे आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाएगा और एक कैलेंडर ईयर खत्म होने के साथ ही एक बार रीडीम किया जा सकेगा.

- एन्कैश की हुई छुट्टी कुल अर्न्ड लीव का आधा या फिर 30 दिनों की अर्न्ड लीव, जो भी कम हो, उससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

- लीव एन्कैशमेंट के लिए मैक्सिमम 300 छुट्टियां अलाऊ हैं.

- लीव एन्कैशमेंट का कैलकुलेशन बेसिक पे और महंगाई भत्ते के आधार पर किया जाता है.

किसको मिलती है छूट, और क्या है लिमिट?

- अगर आप केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी हैं तो आपकी छुट्टियों को कैश कराने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

- लेकिन वहीं आप किसी सरकारी कंपनी या संस्था में काम करते हैं, तो आपका एन्कैशमेंट टैक्सेशन के दायरे में आ जाएगा.

- किसी कर्मचारी के गुजर जाने पर उसके कानूनी उत्तराधिकारी को जो लीव एन्कैशमेंट का पैसा मिलता है, उसपर भी कोई टैक्स नहीं लगता है.

- प्राइवेट और सरकारी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अगर नौकरी छोड़ते वक्त लीव एन्कैश कराते हैं तो 3 लाख तक के अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता है.

- कितनी छुट्टियों पर टैक्स में छूट मिलेगी, इसे भी लेकर एक लिमिट है. एक कर्मचारी अपने सर्विस के हर साल में अधिकतम 10 महीने की कुल छुट्टियों में से 15 छुट्टियों पर ही छूट क्लेम कर सकता है.