Tax Benefit on Joint Home Loan: जॉइंट होम लोने लेने के कई फायदे हैं. पहली बात तो अगर आप अकेले होम लोन लेना चाहते हैं, लेकिन नहीं मिल पा रहा है तो आप जॉइंटली अप्लाई कर सकते हैं, जिसमें आप अपने किसी परिवार के सदस्य का नाम दे सकते हैं. होम लोन बैंकों के लिए ज्यादा महंगा पड़ता है, ऐसे में वो आपसे गारंटी ढूंढते हैं. जॉइंट होम लोन इसमें आपकी मदद कर सकता है. वहीं जॉइंट होम लोन होने पर रीपेमेंट भी आसान रहता है. लेकिन इसका एक और फायदा यह भी है कि आप इसपर टैक्स में छूट का फायदा भी उठा सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में ऐसा प्रावधान है कि होम लोन पर टैक्सपेयर्स टैक्स में छूट का फायदा उठा सकते हैं. 

जॉइंट होम लोन पर टैक्स में कितनी मिलती है छूट?

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आप टैक्सेशन एक्ट की कुछ धाराओं के तहत जॉइंट होम लोन पर टैक्स बेनेफिट का फायदा उठा सकते हैं. हालांकि, आपको इसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा. 

ज्वाइंट होम लोन के मामले में दोनों उधारकर्ता इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकते हैं. इसके लिए एक शर्त है कि दोनों का को-ऑनर होना जरूरी है. आपको इसपर ब्याज और मूलधन पर भी टैक्स छूट मिलती है. दोनों ही उधारकर्ता ब्याज पर 2 लाख रुपये और मूलधन पर 5 लाख रुपये का फायदा पा सकते हैं.

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किन-किन और कितनी छूट का उठा सकते हैं फायदा?

कहां मिलेगी छूट अधिकतम कितनी छूट किस धारा के तहत क्या है शर्त
ब्याज 2 लाख 24b घर खरीदने या जिस वित्त वर्ष में लोन लिया है, उसके अगले पांच सालों में नया घर पूरा बनवा लेने पर ये छूट मिलेगी.
ब्याज 1.5 लाख 80EEA 45 लाख रुपये तक के स्टांप वैल्यू वाली प्रॉपर्टी पर
ब्याज 50,000 80EE 35 लाख तक के लोन अमाउंट और 50 लाख तक की प्रॉपर्टी पर
मूलधन 1.5 लाख 80C पजेशन पूरा होने के अगले पांच सालों के भीतर प्रॉपर्टी बेची न जाए
स्टांप ड्यूटी 1.5 लाख 80C जिस साल स्टांप ड्यूटी के पैसे दिए गए है, उसी साल क्लेम करना होगा.

टैक्स में छूट क्लेम करते वक्त याद रखें ये तीन शर्तें-

1. लोन पर खरीदी गई प्रॉपर्टी का मालिकाना हक

ये टैक्स बेनेफिट आपको तभी मिलेगा जब आप उस लोन से खरीदी गई प्रॉपर्टी के को-ओनर यानी सह-मालिक होंगे. इस शर्त को पूरा करने पर आपको प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और ब्याज पर टैक्स में छूट मिलेगी.

2. को-बॉरोअर के तौर पर रजिस्ट्रेशन जरूरी

जॉइंट होम लोन में टैक्स छूट तभी मिलेगी, जब आप लोन के डॉक्यूमेंट्स में को-बॉरोअर के तौर पर रजिस्टर्ड होंगे. अगर आप प्रॉपर्टी के पेपर्स में मालिक की हैसियत से रजिस्टर्ड हैं, लेकिन होम लोन के पेपर्स में आपका नाम को-बॉरोअर में शामिल नहीं है तो आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि को-बॉरोअर होने का मतलब है कि लोन का रीपेमेंट आपकी जिम्मेदारी रही है.

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3. प्रॉपर्टी का कन्सट्रक्शन पूरा होना चाहिए

इस छूट के लिए एक और बड़ी शर्त है. जिस प्रॉपर्टी के लिए आपने होम लोन लिया है, उसका निर्माण कार्य वगैरह पूरा होना चाहिए, तभी आप डिडक्शन क्लेम कर पाएंगे. जिस साल कन्स्ट्रक्शन पूरा हो जाता है, उस साल से आप बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं.

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