ऑनलाइन भरा तो फायदे में रहेंगे, अवेलेबल हैं ITR-1 ITR-4; जानें ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न भरने के क्या फायदे हैं
ITR Filing Online: ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरते हैं तो आप अभी टैक्स रिटर्न भरकर फायदे में रह सकते हैं. ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरने के कई फायदे हैं. लेकिन उसके पहले कुछ बेसिक बातें समझ लेते हैं.
ITR Filing Online: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है. सैलरीड प्रोफेशनल्स के लिए अभी भी Form 16 रिलीज नहीं हो रहे हैं, लेकिन TR-1 और ITR-4 फॉर्म ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों अवेलेबल हो चुके हैं. ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरते हैं तो आप अभी टैक्स रिटर्न भरकर फायदे में रह सकते हैं. ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरने के कई फायदे हैं. लेकिन उसके पहले कुछ बेसिक बातें समझ लेते हैं.
क्या होता है Income Tax Return?
इनकम टैक्स रिटर्न एक फॉर्म है, जिसमें आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ये बताना होता है कि आपने पूरे फाइनेंशियल ईयर में कितनी कमाई की है, और उस हिसाब से आपके ऊपर कितना टैक्स बनता है. आपकी इनकम के हिसाब से देखा जाता है कि आप कि टैक्स ब्रेकेट में आते हैं, और आपको कितना टैक्स भरना होगा.
ITR फाइल किसे करना होता है?
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, हर उस इंडिविजुअल या बिजनेस को हर साल टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है. अगर एक फाइनेंशियल ईयर में आपकी इनकम सैलरी से या बिजनेस, हाउस प्रॉपर्टी बेचने से या फिर डिविडेंड, कैपिटल गैन, या फिर इंटरेस्ट किसी भी दूसरे सोर्स से आई है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. अगर आप बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ऊपर आते हैं, तो आपको अनिवार्य रूप से आईटीआर फाइल करना होता है. आईटीआर फाइल करने का भी एक स्पेसिफिक पीरियड होता है, अगर आप इस दौरान आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको पेनाल्टी भरनी पड़ती है.
ITR ऑनलाइन भरने के फायदे क्या हैं?
ऑनलाइन आईटीआर भरने के प्रोसेस को ई-फाइलिंग भी कहते हैं, जिसमें आप इंटरनेट के जरिए आईटीआर फाइल करते हैं. आपको ई-फाइलिंग की सुविधा मिलती है. ई-फाइलिंग के कई फायदे भी हैं, जिससे ये मोड बहुत ही पॉपुलर है. आप अपने घर से बैठकर कभी भी, किसी भी टाइम आईटीआर फॉलो कर सकते हैं. हम आपको ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने के कई फायदे बता रहे हैं-
1. रिफंड दिलाएगा आईटीआर
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन फिर भी आपका TDS (tax deducted at source) कट जाता है. ऐसे में अगर आपको रिफंड चाहिए तो ITR भरना जरूरी है. टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR फाइल करना होगा. ITR फाइल होने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है. अगर आपका रिफंड बन रहा है तो डिपार्टमेंट उसे प्रोसेस करके आपके रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में डाल देता है.
2. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने में मिलती है मदद
आईटीआर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जोकि कई ऐसी जगहों पर आपके लिए प्रूफ का काम करता है, जहां आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना होता है, क्योंकि इसमें आपकी सारी डीटेल्स होती है.
3. आपके इनकम का है प्रूफ
इनकम टैक्स रिटर्न आपके लिए प्रूफ ऑफ इनकम का काम करता है, क्योंकि इसमें आपकी कमाई और टैक्स लायबलिटी, सबका लेखा-जोखा होता है. इंश्योरेंस क्लेम करने की स्थिति में, लोन लेने या वीज़ा अप्लाई करने की स्थिति में आपके लिए ये सरकारी तौर पर वेरिफाइड प्रूफ का काम करती है.
4. वीज़ा अप्लाई करने के लिए जरूरी
वीज़ा के लिए आप जब अप्लाई करते हैं, तो आपसे इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है. वीज़ा अथॉरिटीज़ आपसे 3 से 5 साल का आईटीआर मांग सकती हैं. इससे आपका फाइनेंशियल स्टेटस चेक किया जाता है, ऐसे में यहां पर आईटीआर आपके बड़े काम आ सकता है.
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