ITR Filing Last Date: चूक गए डेडलाइन तो बड़ा पछताओगे! जुर्माना या जेल? जानिए रिटर्न नहीं भरने पर आपको क्या सजा मिलेगी
ITR Filing Last Date: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन मिस कर देते हैं तो भी वो डेडलाइन के बाद अपना आईटीआर भर तो सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पेनाल्टी देनी पड़ती है.
ITR Filing Last Date: इनकम टैक्स रिटर्न की ड्यू डेट बीतने वाली है. 31 जुलाई आकर जाने वाली है, अगर आपने अभी तक अपना टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो आज के आज लगे हाथ अपना रिटर्न भर लें, वर्ना पछताने के अलावा हाथ कुछ नहीं लगेगा. ऐसी कम संभावना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आईटीआर फाइलिंग की लास्ट डेट को आगे खिसकाएगा. ऐसे में पेनाल्टी से बचने के लिए आपको अपना टैक्स रिटर्न आज किसी भी हाल में फाइल करना होगा.
आईटीआर फाइलिंग पर क्या है लेटेस्ट अपडेट?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 31 जुलाई तक दिए गए अपडेट के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 6.13 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने टैक्स भरा है. 31 जुलाई को दोपहर 12 बजे 11.03 लाख टैक्स रिटर्न भरे गए. अकेले रविवार को शाम 6:30 बजे तक 26.76 लाख आईटीआर भरे गए. वहीं इस दौरान ई-फाइलिंग पोर्टल पर 1.30 करोड़ सफल लॉग-इन दर्ज किए गए.
अगर आईटीआर की डेडलाइन मिस कर दी तो क्या होगा?
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन मिस कर देते हैं तो भी वो डेडलाइन के बाद अपना आईटीआर भर तो सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पेनाल्टी देनी पड़ती है. आप Belated ITR भर सकते हैं. 31 दिसंबर तक बिलेटेड आईटीआर भरने के लिए टाइम दिया जाता है. हालांकि, आप बिलेटेड आईटीआर में कोई लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं.
VIDEO: 'कर' बचत: ITR Filing की डेडलाइन मिस कर दी? अब क्या होगा?
क्या हैं पेनाल्टी के नियम?
अगर आपकी इनकम एक्जेम्पेटेड है तो सेक्शन 234 के मुताबिक, आपको डेडलाइन के बाद भी आईटीआर भरने पर कोई पेनाल्टी नहीं देना होता है. लेकिन जिन लोगों को टैक्स भरना था, लेकिन उन्होंने अपना आईटीआर नहीं भरा, वो लेट फाइलिंग करेंगे तो उनपर 5,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. जिन टैक्सपेयर्स की इनकम 5 लाख से कम है, उन्हें लेट फाइलिंग पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना होता है.
क्या जेल की सजा भी होती है?
टैक्स न भरने पर जेल का प्रावधान भी है. टैक्स नोटिस के जवाब न देने पर आपके ऊपर लीगल एक्शन भी लिया जा सकता है. टैक्स चोरी के केस में आपको तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है. अगर मामला 25 लाख से ऊपर के टैक्स इवेजन का मामला है तब तो 7 साल तक की सजा भी हो सकती है.