ITR Filing: चूक गए 31 तारीख तो ₹1000, ₹5,000 या ₹10,000... आपको कितना देना होगा जुर्माना?
ITR Filing Income Tax Return Deadline 2023: टैक्स फाइल न करने की सिचुएशन में जेल का टर्म भी है. आपके ऊपर लीगल एक्शन भी लिया जा सकता है. टैक्स चोरी के केस में आपको तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है.
ITR Filing Income Tax Return Deadline 2023: ITR Filing की डेडलाइन सिर पर है, और जो अब रिटर्न फाइल करेंगे, उन्हें आखिरी वक्त में हड़बड़ी में फाइल करनी होगी और कहीं वेबसाइट वगैरह पर दिक्कत आने लगी, तो फंस जाएगा मामला. अगर आपने डेडलाइन मिस भी कर दी तो आपको टेंशन लेनी पड़ेगी पेनल्टी की. और अगर आपको टैक्स भरना है तो आपको ये भी पता होना चाहिए कि टैक्स नहीं भरने पर क्या होगा.
ITR से जुड़ी जरूरी तारीखें
असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई है, ये तो पता ही होगा आपको. अब डेडलाइन आगे बढ़ेगी या नहीं, इसपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कोई फ्रेश अपडेट नहीं है. लेकिन बहुत संभव है कि डेडलाइन को आगे न बढ़ाया जाए, तो आप पहले ही अपना आईटीआर फाइल कर लें.
वैसे, आईटीआर से जुड़ी कुछ और भी डेट्स हैं जो आपको पता होनी चाहिए. अलग-अलग टाइप के टैक्सपेयर्स के लिए ड्यू डेट भी अलग-अलग होती है. सैलरीड टैक्सपेयर्स को जहां 31 जुलाई तक टैक्स भरना होता है. वहीं, 31 अक्टूबर भी एक ड्यू डेट है, जो ऐसे असेसी भरते हैं जिनके अकाउंट की ऑडिटिंग होनी होती है. या फिर ऐसे किसी कंपनी के पार्टनर हैं, जिसकी ऑडिटिंग होनी हो. 31 दिसंबर भी एक अहम ड्यू डेट होता है. इस ड्यू डेट तक आप बिलेटेड आईटीआर विद पेनाल्टी भर सकते हैं. एक होता है अपडेटेड रिटर्न, चाहे ओरिजिनल रिटर्न, बिलेटेड हो या फिर रिवाइज्ड हो, इसे फाइल करने के अगले दो साल तक आप अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
कब कितना लगता है जुर्माना?
- सबसे पहले अगर आपकी इनकम एक्जेम्पेटेड है तो सेक्शन 234 के मुताबिक, आपको डेडलाइन के बाद भी आईटीआर भरने पर कोई पेनाल्टी नहीं देना होता है.
- और फिर जिन्हें टैक्स भरना था, लेकिन उन्होंने फिर भी अपना ITR नहीं भरा तो सेक्शन 234F के मुताबिक, उनपर 5,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है.
- जिन टैक्सपेयर्स की इनकम 5 लाख से कम है, उन्हें लेट फाइलिंग पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना होता है.
क्या जेल की सजा भी होती है?
टैक्स फाइल न करने की सिचुएशन में जेल का टर्म भी है. आपके ऊपर लीगल एक्शन भी लिया जा सकता है. टैक्स चोरी के केस में आपको तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है. अगर मामला 25 लाख से ऊपर के टैक्स इवेजन का मामला है तब तो 7 साल तक की सजा भी हो सकती है.
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