इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख (ITR Filing Last Date) 31 जुलाई है. बहुत सारे लोग आईटीआर फाइल कर चुके हैं, लेकिन कई यूट्यूबर्स (Tax on Youtube Income) इस टेंशन में हैं कि वह कैसे आईटीआर भरें. वह ये भी नहीं समझ पा रहे कि किसे आईटीआर भरना है और किसे नहीं. पूरी जानकारी ना होने के चलते यूट्यूबर्स पर जरूरत से ज्यादा टैक्स लग सकता है. अगर आप भी एक यूट्यूबर हैं तो आइए जानते हैं आपको कौन सा फॉर्म भरना है और कैसे आईटीआर फाइल करना है.

यूट्यूबर्स के आईटीआर में अलग क्या?

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अगर आप यूट्यूबर हैं तो आप पर टैक्स एक नौकरीपेशा व्यक्ति पर लगने वाले टैक्स की तुलना में अलग तरीके से लगेगा. इसके चलते आप नौकरीपेशा लोगों की तरह आईटीआर-1 या आईटीआर-2 फॉर्म नहीं भर सकते हैं. ना ही आप नौकरीपेशा लोगों की तरह 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं, क्योंकि उनकी इनकम सैलरी के रूप में उनके खाते में नहीं आती है. हालांकि, अपने खर्चों के हिसाब से आप कुछ डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. एक बात और आपको पता होनी जरूरी है कि नौकरीपेशा की तरह आप हर साल टैक्स रिजीम नहीं चुन सकते हैं. ऐसे में पहले से ही अच्छे से सोच-समझ लें कि कहां फायदा है और कहां नहीं, उसके बाद ही टैक्स रिजीम सेलेक्ट करें.

पहले जानिए क्या होता है टैक्स स्लैब

यूट्यूबर्स के लिए भी टैक्स का वही स्लैब होता है जो एक नौकरी पेशा के लिए रहता है. यानी स्लैब में तो कोई फर्क नहीं है, लेकिन डिडक्शन दोनों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं. वहीं फ्रीलांसिंग या कंसल्टिंग से कमाई करने वाले को आईटीआर-3 फॉर्म भरना होता है. वहीं अगर आपने प्रीजम्पटिव स्कीम चुनी है तो आपको आईटीआर-4 फॉर्म (सुगम) भरना होगा. यह आईटीआर-3 की तुलना में बहुत आसान है, जिसमें आपको प्रॉफिट एंड लॉस और बैलेंस शीट की डिटेल्स भरनी पड़ती हैं. हालांकि, अगर कमाई 50 लाख रुपये से ज्यादा है और आप अपने नुकसान को कैरी फॉर्वर्ड करना चाहते हैं तो आईटीआर-3 फॉर्म ही भरना होगा.

किस कैटेगरी में लगता है टैक्स?

आयकर विभाग की तरफ से एक यूट्यूबर की इनकम पर बिजनेस इनकम की तरह टैक्स लगेगा या फिर अन्य स्रोत से हुई कमाई की तरह, यह कंटेंट पर निर्भर करता है. अगर यूट्यूबर ने कंपनी रजिस्टर कराई हुई है, तब तो उस पर टैक्स बिजनेस इनकम की तरह ही लगेगा. वहीं अगर यूट्यूब से शख्स की मोटी कमाई होती है और उसका कंटेंट प्रोफेशनल लेवल का है, जिसके लिए रिसर्च या टीम लगती है तो उसे बिजनेस इनकम में गिना जाता है. वहीं जो यूट्यूबर हंसी-मजाक में सिर्फ मौज-मस्ती के लिए कंटेंट बनाते हैं और उन्हें यूट्यूब से कमाई होती है, उनकी कमाई को अन्य स्रोत के तहत गिना जाता है और उसी तरह उस पर टैक्स लगता है.

क्या होती है प्रीजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम?

यूट्यूबर, फ्रीलांसर और कंसल्टेंट इस स्कीम को चुन सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44एडीए के तहत प्रीजम्पटिव स्कीम ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए है, जिन्हें वित्त वर्ष 2023-24 में 75 लाख रुपये से अधिक नहीं मिले हैं. इसके तहत ये प्रोफेशनल्स अपनी आय का 50 फीसदी यानी आधी इनकम को बिजनेस इनकम की तरह दिखा सकते हैं और फिर उसी के हिसाब से टैक्स कैल्कुलेशन होता है. अगर कोई फ्रीलांसर presumptive taxation को चुनता है तो वह कोई भी बिजनेस इनकम से जुड़ी हुई डिडक्शन क्लेम नहीं कर पाएगा.

फ्रीलांसर के लिए आखिरी तारीख

फ्रीलांसर के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई ही है. वहीं अगर कंसल्टेंट सेक्शन 44एबी के तहत ऑडिट के दायरे में आता है तो आखिरी तारीख बदल कर 31 अक्टूबर हो जाती है. ऐसे में फ्रीलांसर को 30 सितंबर तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करनी होगी.