ITR Filing में भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां, Refund तो अटकेगा ही जुर्माना अलग से लगेगा
जल्दबाजी में कई बार लोग कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं, जिससे कभी उनका रिफंड अटक जाता है तो कभी आईटीआर डिफेक्टिव भी हो जाता है. आइए जानते हैं आईटीआर फाइल करते वक्त आपको कौन सी 7 गलतियों से बचना चाहिए.
ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) तेजी से नजदीक आ रही है. ऐसे में अधिकतर लोग अभी से इनकम टैक्स (Income Tax) रिटर्न भरने लगे हैं. हालांकि, जल्दबाजी में कई बार लोग कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं, जिससे कभी उनका रिफंड अटक जाता है तो कभी आईटीआर डिफेक्टिव भी हो जाता है. आइए जानते हैं आईटीआर फाइल करते वक्त आपको कौन सी 7 गलतियों से बचना चाहिए.
1- फॉर्म चुनते वक्त बरतें सावधानी
नौकरीपेशा और प्रोफेशनल से लेकर बिजनेस करने वालों तक के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना एक जैसा नहीं होता है. अलग-अलग तरह के लोगों के लिए इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 7 तरह के फॉर्म जारी किए जाते हैं. ऐसे में आपके लिए सबसे जरूरी है कि आप सही फॉर्म का चुनाव करें.
2- फर्जी डिडक्शन ना लें
इनकम टैक्स विभाग को पिछले सालों में ये देखने को मिला है कि लोग फर्जी रेंट रिसीप्ट के जरिए गलत तरीके से एचआरए का फायदा उठाते हैं. सिर्फ एचआरए ही नहीं, कई तरह के डिडक्शन के लिए लोग अक्सर फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाकर टैक्स में छूट हासिल करना चाहते हैं. ऐसी गलती बिल्कुल ना करें, इससे आपको बड़ा नुकसान झेलने को मिल सकता है और आप पर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है.
3- गलत पर्सनल डीटेल भर देना
इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त ये जरूरी है कि आप सही जानकारियां ही भरें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपका नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर आदि को निश्चित कॉलम में ठीक ढंग से भरें.
4- बैंक अकाउंट का प्रीवैलिडेशन ना होना
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से भी बार-बार लोगों को यह याद दिलाने की कोशिश की जाती है कि अपना बैंक अकाउंट प्रीवैलिडेट जरूर कराएं. अगर आपका खाता वैलिडेट नहीं होगा, तो आपका रिफंड अकट सकता है और आपको दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.
5- TDS के आंकड़ों में अंतर
अगर आप डीटेल्स पर ध्यान नहीं देते हैं तो आपका रिटर्न फॉर्म रद्द हो सकता है. ये ध्यान रखें कि आपके 26 एएस फॉर्म में आपकी इनकम पर जो TDS के आंकड़े दिए गए हैं वही आपने ITR फॉर्म में भरे गए हों. इसके लिए जरूरी है कि आईटीआर फॉर्म भरते वक्त आप 26एएम फॉर्म और फॉर्म-16 के आंकड़ों का मिलान जरूर करें, ताकि दिक्कत ना हो.
6- इनकम को छुपाना
अगर आप नौकरीपेशा हैं तो कंपनी से मिली सैलरी से हुई कमाई तो आपके फॉर्म-16 में होती ही है, लेकिन कई बार अन्य सोर्स से भी आपको पैसे मिलते हैं, जो आप छुपा लेते हैं. ऐसी गलती ना करें, क्योंकि अगर बाद में पता चलता है कि आपने अपनी किसी कमाई को छुपाया है, जो उसके चलते आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस भेजा जा सकता है. इतना ही नहीं, आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है और जुर्माना भी लग सकता है.
7- ई-वेरिफिकेशन भूल जाना
कई बार आईटीआर फाइल करने के बाद तुरंत वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है तो लोग 30 दिन के अंदर आईटीआर वेरिफाई करने का विकल्प चुन लेते हैं. पहले यह सीमा 120 दिन थी, जिसे 1 अगस्त 2022 से घटा दिया गया है. अक्सर लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने आईटीआर को वेरिफाई नहीं किया है और रिफंड ना आने पर चिंता करने लगते हैं. अगर आपका आईटीआर ई-वेरिफाई नहीं होता है तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा.