CA के बजाय किसी ऐरे-गैरे से तो नहीं भरवाया ITR? Income Tax विभाग के रडार पर हैं ये लोग, भेजे जा रहे Notice!
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Nov 04, 2024 03:22 PM IST
इनकम टैक्स (Income Tax) कटता हुआ सबको खराब लगता है और रिफंड (Income Tax Refund) आने पर हर कोई खुश होता है. इसी खुशी के चक्कर में कई लोग उल्टे-सीधे तरीके अपनाकर रिफंड पाने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग तो प्रोफेशनल सीए से आईटीआर फाइल करवाने के बजाए, किसी ऐसे शख्स से भी रिटर्न फाइल करवाने से नहीं चूकते, जो उन्हें अधिक टैक्स बचाने की गारंटी देता हो. अगर आप भी अधिक टैक्स बचाने के चक्कर में फर्जी दस्तावेज लगाते हैं या नॉन-प्रोफेशनल से आईटीआर फाइल करवाते हैं, तो आपको अब अलर्ट हो जाने की जरूरत है. इनकम टैक्स ऐसे लोगों की पहचान कर के उन्हें नोटिस भेजने में लगा हुआ है.
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किस तरह के होते हैं ये फर्जी दस्तावेज?
कई बार लोग इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) पाने के चक्कर में कुछ फर्जी कागज बनाकर दिखा देते हैं. इनमें फर्जी हाउस रेंट, फर्जी डोनेशन या गलत तरीके से कुछ खर्चों को बढ़ाकर दिखा दिया जाता है. हालांकि, अब इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं. इनकम टैक्स विभाग किसी भी संदिग्ध मामले की जांच की तैयारी में है और ऐसा फर्जीवाड़ा पाए जाने पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है.
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इनकम टैक्स विभाग ने कस ली है कमर
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कॉमन फोन-ईमेल की हो रही जांच
इनकम टैक्स विभाग की कोशिश इस बात का पता लगाने की है कि क्या एक ही कॉमन ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर से फर्जी हाउस रेंट अलाउंस तो क्लेम नहीं किया गया. ये भी चेक किया जाएगा कि फर्जी डोनेशन के जरिए 80जी के तहत डिडक्शन तो क्लेम नहीं किया गया. या फिर किसी ने अपने खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हुए गलत तरीके से तो इनकम टैक्स नहीं बचाया.
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एसओपी इंस्ट्रक्शन हो चुके हैं जारी
कुछ हफ्ते पहले ही डायरेक्टोरेट ऑफ इनकम टैक्स सिस्टम्स (Directorate Of IT Systems) ने ऐसे हाई रिस्क इनकम टैक्स रिफंड मामलों के लिए एसओपी इंस्ट्रक्शन जारी किए थे. यह एसओपी तमाम असेसिंग ऑफिसर, टीडीएस चार्ज ऑफिसर और इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों को भी भेज दिया गया है. बता दें कि डायरेक्टोरेट ऑफ इनकम टैक्स सिस्टम्स, वित्त मंत्रालय के तहत आता है.
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कॉमन ईमेल-मोबाइल नंबर का दिखा पैटर्न
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसओपी में कहा गया है कि टीडीएस क्रेडिट के गलत क्लेम, इनकम कम दिखाकर, डिडक्शन बढ़ाकर दिखाकर और फर्जी खर्चे दिखाकर कई रिफंड क्लेम किए गए हैं. इस मामले का पता तब चला जब देखा गया कि एक ही ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर से कई रिटर्न फाइल किए गए हैं. इस मामले को अब सेंट्रल रिजिस्ट्री यूनिट्स के नोडल ऑफिसर्स को फॉरवर्ड किए जाने की बात भी सामने आ रही है.
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