Income Tax Return filing: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की सीजन की शुरुआत 1 अप्रैल से शुरू हो गई है. अगर आपकी इनकम टैक्‍सेबल है, तो आपके लिए रिटर्न फाइनल करना जरूरी है. वहीं, अगर आपकी कमाई टैक्‍स के दायरे में नहीं आती है, तो भी आप रिटर्न फाइल कर कई फायदे ले सकते हैं.

डॉक्‍यूमेंट्स की तरह आता है काम

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ITR एक ऐसा डॉक्‍यूमेंट है, जो अलग-अलग फाइनेंशियल अप्‍लीकेशंस में बतौर प्रूफ काम आता है. जैसेकि, लोन के लिए अप्‍लाई करते समय बैंकर आपके इनकम सोर्स को वेरिफाई करने के लिए टैक्स रिटर्न की कॉपी मांगते हैं. लोन हासिल करने के अलावा, आईटीआर क्रेडिट कार्ड, इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेने की प्रॉसेस में भी मदद करता है. तरह यह आपकी इनकम के प्रुफ के तौर पर काम आता है.

इनकम प्रुफ की तरह करेगा काम

जिन लोगों के पास अपना बिजनेस है, उनके पास सैलरी लोगों की तरह इनकम का कोई प्रुफ नहीं होता है. ऐसे लोगों के लिए आईटीआर इनकम और खर्च की डिटेल के साथ इनकम प्रुफ का काम करता है. जिन लोगों का खुद का व्यवसाय है वे आईटीआर को अपने इनकम प्रुफ डॉक्‍यूमेंट के तौर पर पेश कर सकते हैं. सैलरीड क्लास लोगों को कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 का फायदा मिलता है, जो उनका इनकम प्रुफ होता है.

रिफंड क्लेम करना आसान

अगर आप किसी तरह का टैक्स रिफंड क्लेम करना हैं, तो आपको आईटीआर फाइल करना होगा. कई बार इनकम स्लैब टैक्स के दायरे में नहीं होता है, फिर भी टीडीएस कट जाता है. ऐसे में अगर टीडीएस का कटा हुआ पैसा रिफंड चाहते हैं, तो उसके लिए आपको रिटर्न फाइल करना जरूरी है. आईटीआर फाइल करने के बाद अगर आपका रिफंड बन रहा है तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है. 

VISA के लिए आवेदन करना आसान  

देश से बाहर जॉब या बिजनेस के मकसद से जाने के लिए आपको वीजा (VISA) की जरूरत होती है. वीजा के लिए अप्लाई करते समय आईटीआर से संबंधित डॉक्‍यूमेंट मांगा जाता है. अक्‍सर कई देशों की एम्‍बेसी वीजा के लिए आवेदन करने वालों का टैक्स रिटर्न रिकॉर्ड देखती हैं. आईटीआर के जरिए यह देखा जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है. साथ ही उसके देश में उस व्‍यक्ति का टैक्‍स कम्‍प्‍लायंस रिकॉर्ड कैसा है.

लॉस क्‍लेम करने के लिए ITR 

ड्यू डेट के भीतर ITR दाखिल करना एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए नुकसान का क्‍लेम (कैपिटल गेन से नुकसान, बिजनेस या प्रोफेशन से नुकसान आदि) करने के लिए जरूरी है. इनकम टैक्स के नियम कैरी-फॉरवर्ड लॉस को केवल उन्हीं लोगों को कैपिटल गेन के खिलाफ करने की इजाजत देते हैं जो संबंधित असेसमेंट ईयर में आईटीआर फाइल करते हैं. अगर आपने म्‍यूचुअल फंड्स या इक्विटी शेयर्स की बिक्री से प्रॉफिट कमाया है, तो आप इन प्रॉफिट को समय पर रिटर्न फाइल कर पहले हुए नुकसान के साथ एडजस्ट कर सकते हैं. 

 

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