केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा है कि आयकर विभाग के अधिकारियों को करदाताओं (Income Tax) के साथ व्यवहार करते समय ‘डराने-धमकाने के बजाय सलाह देने’ का नजरिया अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदार, उत्तरदायी, पारदर्शी दिखने के लिए नए सिरे से प्रयास करने चाहिए. 

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अग्रवाल ने सुझाव दिया कि भारत में आयकर व्यवस्था के 164 वर्ष पूरे होने पर कर अधिकारियों को ‘विवेकपूर्ण’ दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. सीबीडीटी प्रमुख ने हाल ही में 24 जुलाई को मनाए गए 165वें आयकर दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन वीडियो संवाद सत्र ‘द चेयरमैन स्पीक्स’ के माध्यम से अपने सहकर्मियों से बात की. 

उन्होंने कहा कि कर विभाग में ‘बदलावकारी’ परिवर्तन हुए हैं, प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है, करदाताओं का आधार बढ़ाया गया है और इसका स्वरूप ‘प्रवर्तन और विरोधात्मक’ विभाग से बदलकर काफी हद तक एक सेवा विभाग बन गया है जो गैर-हस्तक्षेपकारी कर प्रशासन के माध्यम से कर अनुपालन में सहायता करता है. 

अग्रवाल ने कहा कि प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत राजस्व बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 65 करोड़ पैन और 8.5 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए.