Income Tax Return Filing, ITR Forms: टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग को लेकर बड़ा अपडेट है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2022-23 (आकलन वर्ष 2023-24) के लिए व्यक्तियों, पेशेवरों के लिये आयकर रिटर्न भरने की ऑनलाइन सुविधा शुरू कर दी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि उसने वित्त वर्ष 2022-23 के आयकर रिटर्न (आईटीआर) ITR Form-1 और ITR Form-4 ऑनलाइन भरने की सुविधा शुरू कर दी है. 

ITR Forms में मिलेंगी सारी डीटेल

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विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि अन्य आयकर रिटर्न/फॉर्म के लिये सुविधाएं जल्द शुरू की जाएगी. आईटीआर फॉर्म्स को लेकर सवाल पूछने पर डिपार्टमेंट ने एक व्यक्ति के ट्वीट के जवाब में कहा, ‘‘ई-फाइलिंग पोर्टल पर आकलन वर्ष 2023-24 के लिये ऑनलाइन आईटीआर एक और चार भरने की सुविधा शुरू कर दी गयी है.’’ आपको ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पहले से भरी गई डीटेल्स के साथ मिलते हैं. इसमें Form-16 की तरह आपकी सैलरी से इनकम, ब्याज से इनकम और फिक्स्ड डिपॉजिट वगैरह से इनकम की डीटेल भरी रहती हैं.

पहले ही आ गई थी ऑफलाइन फॉर्म भरने की सुविधा

इनकम टैक्स विभाग ने 25 अप्रैल, 2023 को आईटीआर फॉर्म-1 और 4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दिया था. एक्सेल यूटिलिटी में टैक्सपेयर्स को ये फॉर्म डाउनलोड करके, फिर उन्हें मैनुअली भरकर फिर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपलोड करना होता है. लेकिन ऑनलाइन फॉर्म में ये आसानी होती है कि इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स बस पहले से भरे गए डेटा को चेक करके, जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ उन्हें सबमिट कर सकते हैं. लेकिन टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वो अपनी जानकारी एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और Form 26AS में भी चेक कर लें.

किसको भरना होता है कौन सा फॉर्म?

वित्त वर्ष 2022-23 के लिये जिन लोगों के खातों के ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके मामले में आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. ITR-1 वेतनभोगी और वरिष्ठ नागरिक समेत अन्य व्यक्ति भरते हैं. वहीं ITR-2 कंपनियां और पेशेवर भरते हैं. यह उन इकाइयों के लिये है जिन्होंने अनुमानित कराधान (Presumptive Taxation) का विकल्प चुना है और जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है.

कैसे चुनें अपने लिए सही आईटीआर फॉर्म? 

ITR Form 1

वो भारतीय नागरिक जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपए तक है, वो फॉर्म 1 को भरते हैं. 50 लाख तक की कमाई में आपकी सैलरी, पेंशन या किसी अन्‍य सोर्स को भी शामिल किया जाता है. 5000 रुपए तक की कृषि आय को भी इसमें शामिल किया जाता है. लेकिन अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्‍टर है, किसी अनलिस्‍टेड कंपनी में निवेश किया हो, कैपिटल गेन्‍स से कमाते हों, एक से ज्‍यादा हाउस या प्रॉपर्टी से इनकम करते हों या फिर बिजनेस से कमाई करते हैं, तो ये फॉर्म आप नहीं भर सकते हैं.

ITR Form 2

अगर आपकी कमाई 50 लाख रुपए से ज्‍यादा है तो ये फॉर्म आपके लिए है. इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, इन्वेस्टमेंट पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपए से ज्यादा की डिविडेंड इनकम और खेती से हुई 5000 रुपए से ज्यादा की कमाई के बारे में बताना होता है. इसके अलावा अगर पीएफ से ब्‍याज के तौर पर कमाई हो रही है, तब भी ये फॉर्म भरा जाता है.

ITR Form 3

बिजनेसमैन, इक्विटी अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया हो, किसी कंपनी में पार्टनर के तौर पर कमाई कर रहे हों, तो आप ITR Form 3 भर सकते हैं. इसके अलावा ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन्‍स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए की इनकम होती है, तो भी आप ये फॉर्म भर सकते हैं.

ITR Form 4

इंडिविजुअल और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए होता है. अगर आपकी इनकम अपने बिजनेस या किसी पेशे से होती है जैसे डॉक्‍टर-वकील की आमदनी, पार्टनरशिप फर्म्स (LLP के अलावा) चलाने वाले, धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम करने वाले और सैलरी या पेंशन से 50 लाख से ज्‍यादा की कमाई करने वाले लोग इस फॉर्म को भरते हैं. अगर आप फ्रीलांसर हैं लेकिन सालाना कमाई 50 लाख से ज्‍यादा है, तो भी ये फॉर्म आप भर सकते हैं.

ITR Form 5

आईटीआर 5 उन संस्थाओं के लिए होता है, जिन्होंने खुद को फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड करा रखा है. एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है.

ITR Form 6 और 7

जिन कंपनियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मिलती है, उनके लिए ITR Form 6 होता है. जिन्‍हें 139(4A) या सेक्शन 139(4B) या सेक्शन 139(4C) या सेक्शन 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करना होता है, उन कंपनियों और लोगों को ITR Form 7 भरने की जरूरत होती है.