Income Tax 2023 New Slab New Vs Old Tax regime: केंद्रीय बजट (Union Budget) में इनकम टैक्स को लेकर कई बड़े ऐलान हुए हैं. मोदी सरकार 2020 में जो नया टैक्स रिजीम (New Tax Regime) लेकर आई थी, उसे और ज्यादा प्रमुखता देने और आकर्षक बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए हैं. यहां तक कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब नया टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट टैक्स रिजीम (Default Tax Regime) रहेगा. नए टैक्स रिजीम में ऐसे कई बदलाव किए गए हैं, जिससे अब इस टैक्स रिजीम की ओर शिफ्ट देखा जा सकता है. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर वो नया टैक्स रिजीम चुनते हैं तो फिर क्या वो वापस पुराने टैक्स रिजीम (Old Tax regime) में आ सकते हैं या नहीं. आइए जानते हैं, लेकिन पहले ये भी जान लेते हैं कि नए टैक्स रिजीम में क्या-क्या बदलाव हुए हैं.

New Income Tax Slab, New Tax Regime: नए टैक्स रिजीम में क्या बदलाव हुए हैं?

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इस बार बजट में न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (Tax free limit) 3 लाख रुपए कर दी गई है. पहले 2.5 लाख रुपए की इनकम तक कोई टैक्स नहीं था. वहीं, अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. जिसमें 5 लाख रुपए के बजाए रिबेट के साथ 7 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी. इसके अलावा, न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपए (Income upto Rs 15 Lakh) की इनकम वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा, ये 52,500 रुपए होगा.

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Income Tax New Regime में क्यों हुए बदलाव?

1 अप्रैल, 2020 से लागू हुई नई टैक्स रिजीम में आपको लोअर टैक्स रेट मिलते हैं, और बजट में हुए बदलाव के बाद नए टैक्स रिजीम में 3 लाख तक की इनकम टैक्स छूट से बाहर रहेगी और 15.5 लाख रुपये या इससे ऊपर के इनकम वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) का फायदा उठा सकेंगे. पहले इस रिजीम पर किसी तरह की छूट नहीं मिलती थी, क्योंकि इसमें टैक्स रेट कम रखे गए थे. इसे एक मुख्य कारण भी माना जा सकता है कि इस बात का कि बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने पुरानी रिजीम (New Vs Old Tax regime) में ही टैक्स भरना जारी रखा.  

सर्कुलर जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि 'बिजनेस इनकम' रखने वालों यानी जिन टैक्सपेयर्स की इनकम किसी बिजनेस से आती है, उनके पास ये ऑप्शन एक ही बार मिलेगा कि वो टैक्स रिजीम स्विच कर सकें.

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Tax एक्सपर्ट से समझें रिजीम स्विच करने से क्या होगा?

टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा ने बताया कि "नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के साथ ऐसा नियम है कि बिजनेस इनकम रखने वालों को टैक्स रिजीम स्विच करने का मौका एक ही बार मिलता है. वो हर नए वित्तवर्ष में टैक्स रिजीम नहीं बदल सकते. लेकिन इसके उलट सैलरीड प्रोफेशनल और पेंशनर्स के पास ये ऑप्शन रहेगा कि हर फाइनेंशियल ईयर में वो अपना टैक्स रिजीम स्विच कर सकें. यानी कि अगर आप सैलरी पाते हैं या फिर पेंशनभोगी हैं और पिछले साल आपने पुरानी टैक्स रिजीम में टैक्स भरा था, तो आप इस साल अपनी सुविधा के हिसाब से नया टैक्स रिजीम चुन सकते हैं. उसके बाद आपके पास ये ऑप्शन रहेगा कि अगले साल आप फिर पुराना टैक्स रिजीम चुन सकें. यानी कि आप हर साल अपना टैक्स रिजीम (New Vs Old Tax regime) स्विच कर सकते हैं." सैलरीड प्रोफेशनल को हर साल ये बताना होगा कि वो कौन से रिजीम में टैक्स फाइल करेंगे.

बिजनेस इनकम वालों ने स्विच कर लिया तो?

अगर मान लीजिए कि आप बिजनेस इनकम वाले टैक्सपेयर हैं और आपने एक बार नया टैक्स रिजीम (New tax regime) चुन लिया है. तो आपके पास ये ऑप्शन रहेगा कि आप एक बार फिर ओल्ड रिजीम में आ सकते हैं, लेकिन उनके पास यह मौका पूरे लाइफटाइम में बस एक बार मिलेगा. यानी कि बिजनेस इनकम वालों को टैक्स रिजीम स्विच करने का ऑप्शन पूरी जिंदगी में बस एक बार मिलेगा.

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New Tax Regime को Default बनाने का क्या मतलब है?

केंद्रीय बजट (Union Budget 2023) में इनकम टैक्स (Income Tax 2023 New Slab) पर घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि अब नया टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट टैक्स रिजीम रहेगा. इसका मतलब क्या है? इसपर CA राहुल कुमार अग्रवाल ने कहा कि "डिफॉल्ट का मतलब सीधे इस बात से है कि इनकम टैक्स पोर्टल अब नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट सेटिंग पर रखेगा. यानी कि पहले जिस तरह आपको नया टैक्स रिजीम चुनना पड़ता था और पोर्टल पर सबकुछ ओल्ड रिजीम के हिसाब से मिलता था. अब इसका उलट होगा, यानी कि अब आपको सबकुछ नए टैक्स रिजीम के हिसाब से मिलेगा, और पुराना टैक्स रिजीम (New Vs Old Tax Regime) आपको अलग से चुनना पड़ेगा."

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