Gold Price at new high: सोने के दाम नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. इस साल सोना तीन महीनों में ही हर 10 ग्राम पर 7,700 रुपये महंगा हो चुका है. हर रोज इस मेटल के दाम ने रिकॉर्ड बना रहे हैं. HDFC Securities के मुताबिक, दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की की कीमत सोमवार को प्रति 10 ग्राम पर 350 रुपये उछलकर 71,700 रुपये पर पहुंच गई. कॉमेक्स पर स्पॉट गोल्ड की कीमत 2336 यूएस डॉलर प्रति औंस चल रही है. 

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सोने की मांग में पिछले कुछ हफ्तों से तेज उछाल देखी जा रही है. चाहे कमोडिटी बाजार हो या सेंट्रल बैंकों की खरीदारी, सोने की खरीद बढ़ी है. इससे कीमतें ऊपर गई हैं और अब चाहे फिजिकल गोल्ड हो, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड हो, या फिर Gold ETF हो, सभी का रिटर्न भी ऊपर गया है. ऐसे में एक सवाल उठ सकता है कि अगर आपने गोल्ड में निवेश किया है या आपके पास पहले से सोना है तो आपके ऊपर अब कितना टैक्स बनेगा और क्या आपको इस पर टैक्स भरना होगा? 

गोल्ड पर टैक्स के क्या नियम हैं? (Tax on Gold)

गोल्ड में फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड- कई तरीकों से निवेश किया जाता है और इनपर टैक्स के अलग-अलग नियम लागू होते हैं. सोने में आप कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं, और लॉन्ग टर्म के लिए भी, इन दोनों परिस्थितियों में टैक्स के नियम अलग-अलग हैं. 

कब लगेगा Physical Gold गोल्ड पर टैक्स?

गोल्ड रखने पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन रखा हुआ गोल्ड बेचने पर आपको टैक्स देना होता है. अगर आप गोल्ड तीन साल तक रखने के बाद इसे बेचते हैं, तो इस बिक्री से होने वाली आय पर 20% रेट के हिसाब से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. अगर आप गोल्ड खरीदने के 3 साल के भीतर ही इसे बेचते हैं, तो इससे होने वाली आय आपकी कुल आय में जुड़ेगी, और आप टैक्सपेयर के तौर पर जिस भी टैक्स स्लैब में आते हैं, उसके हिसाब से इसपर टैक्स लगेगा.

अगर कोई 1 लाख रुपये से ऊपर का गोल्ड खरीदता है तो उसपर 1% TDS (tax deducted at source) लगता है. फिजिकल गोल्ड पर मेकिंग चार्जेज भी लगते हैं. ये टैक्स नहीं हैं, लेकिन मेकिंग चार्जेज पर 5% GST जरूर लगता है.

Soveriegn Gold Bond (SGBs) पर टैक्स

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर भी वही नियम लागू होगा. इसकी बिक्री से आपको जो आय होगी, उसपर आपके टैक्सेबल ब्रेकेट के हिसाब से टैक्स लगेगा. इसपर इन्डेक्सेशन के बाद 20 पर्सेंट LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) और 10 पर्सेंट LTCG बिना इन्डेक्सेशन के लगेगा. अगर आप बॉन्ड मैच्योरिटी तक रखते हैं, तो इसके इंटरेस्ट रेट पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. SGBs की मैच्योरिटी अवधि 8 साल होती है. SGBs पर जीएसटी नहीं लगता क्योंकि ये सिक्योरिटी असेट हैं.

गोल्ड ETF पर टैक्स के नियम (Gold Exchange Traded Funds- Gold ETFs)

ये म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनकी स्टॉक एक्सचेंजों पर यूनिट में ट्रेडिंग की जाती है. गोल्ड ईटीएफ का दाम गोल्ड के वैल्यू से लिंक होता है. इसपर भी होल्डिंग पीरियड के आधार पर STCG और LTCG लगाया जाता है. STCG निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार लगता है और गोल्ड ईटीएफ पर LTCG भी समान है, इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20% और इंडेक्सेशन बेनेफिट नहीं होने पर 10%. इसपर GST बस STT और ब्रोकरेज पर लगता है. फंड के एक्सपेंस रेशियो यानी व्यय अनुपात पर भी जीएसटी लागू है. भारत में गोल्ड ईटीएफ के लिए अधिकतम व्यय अनुपात 1% है. इस एक्सपेंस रेशियो पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. Gold ETF पर TDS नहीं लगता.