Budget 2023: देश का बजट आने में अब 15 दिन भी नहीं रह गए है. 1 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में यूनियन बजट पेश करेंगी. इस बजट से देश के हर तबके को काफी उम्मीदें हैं. लेकिन, देश में मेडिक्लेम की लिमिट बढ़ जाने की उम्मीद हर एक आम आदमी को है. मेडिक्लेम की लिमिट इतनी कम होने की वजह से जब इंसान बीमार होता है तो सिर्फ हेल्थ की नहीं वेल्थ की भी चिंता करने लगता है. इन्हीं सब को देखते हुए Zee Business वित्त मंत्री जी से कुछ अपील कर रहा है, जो आम आदमी के लिए काफी राहत भरी हो सकती हैं. इसके लिए हमने शुरू की है खास सीरीज "वित्त मंत्री जी ये तो बदलिए...". 

इनकम टैक्स सेक्शन 80D की लिमिट बढ़ाई जाए

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Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से मांग की है कि वो इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के दायरे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि “ वित्त मंत्री जी से बजट को लेकर हमारी ऐसी कई मांगें हैं जहां चीजों को बदलने की ज़रूरत हैं. काफी समय से बजट की कई चीजों में बदलाव नहीं हुआ है जो कि वक़्त के साथ होना चाहिए था. उनमें से एक चीज़ है हेल्थ इंश्योरेंस, जिसे आम तौर पर आप मेडिक्लेम के नाम से जानते हैं.” अनिल सिंघवी ने ये बताया कि मेडिक्लेम की लिमिट कितनी है, कितनी बदलनी चाहिए, और ज़ी बिज़नेस का इसपर क्या अनुमान है.

 

 

कितनी है सेक्शन 80D में लिमिट?

उन्होंने कहा- ” इस भारी महंगाई के ज़माने में फाइव स्टार होटल जितने महंगे हॉस्पिटल में एक बार इलाज कराइए तो आपको पता लगेगा. इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिक्लेम यानी की हेल्थ इंश्योरेंस के लिए छूट मिलती है सिर्फ 25,000 रुपए. एक परिवार यानी पति-पत्नी और बच्चे, साथ ही अगर पेरेंट्स आप पर निर्भर हैं तो वो भी, उनके लिए 25,000 रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कुछ भी नहीं है. इतने से पैसों में क्या होता है? इसमें अगर अपने प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप कराया है तो पूरे साल भर में आपको सिर्फ 5,000 रुपए मिलेंगे. इनसब पर 18% GST अलग से लगता है. तो वित्त मंत्री जी, पहला काम तो आप ये करिए कि GST हटाइए. इंश्योरेंस पर किस बात का GST? 

उन्होंने कहा कि "और दूसरी बात ये कि 25-50 हजार की लिमिट बहुत छोटी है! हमारी हेल्थ ठीक रहे, बीमार हो जाएं, इंश्योरेंस लेना पड़े तो कम से कम इसकी लिमिट 1 लाख रुपए तो कर ही दीजिए. क्योंकि, अगर बीमार हो तो चिंता सिर्फ हेल्थ की ही रहे, वेल्थ की नहीं. प्लीज, ये तो बदलिए वित्त मंत्री जी….”

 

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