Budget 2023: नया या पुराना टैक्स सिस्टम- कहां होगी ज्यादा बचत? बजट के पहले जानिए टैक्स से जुड़ी अपने काम की बात
Budget 2023: आम आदमी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2023 में कुछ बड़ी राहत की उम्मीद है. क्या लोगों इस बाद बजट में टैक्स में राहत मिलने वाली है? आइए बजट के पहले जान लेते हैं नए या पुराने टैक्स सिस्टम में से आपके लिए क्या बेहतर है.
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अब बस कुछ ही दिनों में आम बजट पेश करने वाली है. ऐसे में आम आदमी बड़ी ही उम्मीद से इसमें अपने लिए कुछ राहत की आस लगाए हुए है. जिस एक बात का इंतजार लोग हर Budget में करते हैं, वो ये है कि क्या सरकार टैक्स पर कुछ राहत दे रही है या नही? तो क्या इस बजट में वित्त मंत्री बजट (Union Budget 2023) में टैक्स के मोर्चे पर कोई बड़ी राहत देने वाली है. Zee Business को मिली खबर के मुताबिक, इस बजट में आम आदमी को टैक्स पर कुछ अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है. ऐसे में इससे पहले जान लेते हैं कि नए (new tax regime) या पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax regime) में आपके लिए क्या सही है और कहां आपकी ज्यादा बचत हो सकती है. इसके लिए हमारे साथ होंगे एक्सपर्ट वेद जैन, नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया और ऑप्टिमा मनी के एमडी पंकज मठपाल.
बजट 2023 में कहां रहेगा फोकस?
- बजट 2023-24 चुनावों के पहले का आखिरी फुल टर्म बजट
- सरकार का फोकस आर्थिक विकास और डेवेलेपमेंट पर रहेगा
- फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी सरकार की नजर
- बढ़ती महंगाई को देखते हुए कई फैसले ले सकती है सरकार\
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पर्सनल टैक्स-कहां छूट जरूरी?
- टैक्स स्लैब को बढ़ाने पर विचार हो
- छूट ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख हो
- सोशल सिक्योरिटी स्कीम पर छूट का दायरा बढ़ें
- 80C में छूट का दायरा ₹1.5 लाख से बढ़े
- बढ़ती महंगाई के मद्देनजर और टैक्स छूट मिले
पर्सनल टैक्स-मौजूदा छूट
- स्टैंडर्ड डिडक्शन-₹50 हजार
- 80C- ₹1.5 लाख तक निवेश
- 80D-₹25 हजार(सेल्फ),₹50 हजार(सीनियर सिटीजन)
- 80TTA-10 हजार
- 80EE(हाउसिंग लोन ब्याज)-₹50 हजार
- सेक्शन 24B-होम लोन ब्याज-₹2 लाख
- HRA-बेसिक आय का 50%
नया vs पुराना टैक्स सिस्टम
आय नई दर पुरानी दर
₹2.5 लाख 0 0
₹2.5-₹5 लाख 5% 5%
₹5-₹7.5 लाख 10% 20%
₹7.5-₹10 लाख 15% 20%
₹10-₹12.5 लाख 20% 30%
₹12.5-₹15 लाख 25% 30%
₹15 लाख+ 30% 30%
पुराने स्लैब में कहां छूट?
- -हाउसिंग लोन का प्रिसिंपल और ब्याज
- -PPF और EPF में निवेश
- -डिपॉजिट से ब्याज आय (80TTA)
- -FD यानी फिक्सड डिपॉजिट
- -बच्चों की ट्यूशन फीस
- -स्टैंडर्ड डिडक्शन-50 हजार रुपये
- -LTA
- -HRA
- -मेडिकल और इंश्योरेंस के खर्च
- -80DD दिव्यांगों के इलाज पर टैक्स छूट
- -80U में दिव्यांगों के खर्चें पर टैक्स छूट
- -80E एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
- -सेक्शन 16-इंटरटेनमेंट अलाउंस
- -80GG मकान के किराए पर छूट
- -80G-डोनेशन (दान पर छूट)
- -80EEB-इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स छूट
नये टैक्स सिस्टम में कहां छूट?
- किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन
- खेती से होने वाली आमदनी
- PPF पर मिलने वाले ब्याज
- बीमा की मैच्योरिटी की रकम
- मृत्यु पर बीमा से मिली रकम
- छंटनी पर मिला मुआवजा
- रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट
- VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट
- सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली ब्याज,मैच्योरिटी रकम
80C में क्या-क्या शामिल?
- PPF
- EPF/VPF
- NPS
- NSC
- ELSS
- SSY
- SCSS
- लाइफ इंश्योरेंस
- होम लोन प्रिंसिपल
मेडिकल इंश्योरेंस में छूट बढ़े
- सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट
- अपने, परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट
- ₹25,000 तक के प्रीमियम पर टैक्स में राहत
- पैरेंट्स के लिए कवर के प्रीमियम के भुगतान पर ₹25 हजार अतिरिक्त छूट
- सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के प्रीमियम भुगतान पर ₹50 हजार छूट
- प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च के लिए ₹5 हजार का क्लेम शामिल
होम लोन पर छूट बढ़े
- ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर जेब पर
- घर लेने वालों को राहत मिले
- होम लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट बढ़े
- होम लोन ब्याज पर ₹2 लाख से छूट में बढ़ोतरी हो
राकेश नांगिया के सुझाव
- टैक्स स्लैब में बदलाव किए जाएं
- नए टैक्स सिस्टम को और आकर्षक बनाने की जरूरत
- 80C का दायरा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख हो
- 80D छूट ₹25 हजार से बढ़कर ₹50 हजार हो
- अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने की जरूरत
- सेक्शन 24B की छूट सीमा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख हो
- होम लोन के प्रिंसिपल पर 80C की छूट के लिए अलग प्रावधान हो
कैपिटल गेन टैक्स में समानता
- कैपिटल गेन टैक्स में समान टैक्स स्ट्रक्चर हो
- अलग-अलग एसेट पर अलग टैक्स नियम से उलझन
- पब्लिक और प्राइवेट बाजार के नियम में समानता हो
- इक्विटी,डेट,रियल एस्टेट,MF में नियम सरल बने
- अलग-अलग होल्डिंग अवधि में समानता लाई जाए
कॉरपोरेट टैक्स
- पार्टनरशिप फर्म और LLP को टैक्स में राहत की दरकार
- पार्टनरशिप फर्म और LLP पर 30% की दर से टैक्स
- घरेलू कंपनी,HUF,कोऑपरेटिव सोसाइटी के लिए कंसेशनल टैक्स रिजीम
- पार्टनरशिप फर्म और LLP के लिए कंसेशनल टैक्स रिजीम हो
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिले
- ESG और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस बढ़े
- रिन्युएबल एनर्जी के लिए टैक्स स्कीम और इंसेटिव हो
- सोलर एनर्जी,EV को और आकर्षक बनाने की जरूरत
- ग्रीन एनर्जी को बूस्ट से बढ़ावा देने में मदद मिलेगी