Budget 2023: जनवरी का आखिरी महीना चल रहा है और आम बजट के आने में बस आठ दिन बचे हैं. ऐसे में अगर आप भी है परेशान अपने गिफ्ट्स पर टैक्स भर कर, तो आपको मिल सकता है आराम. आपकी इस मांग की खबर  Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी को भी है. अनिल सिंघवी ने देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आज यही मांग रखी है. उनका कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को तो मिले हुए चंदे पर कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता हैं, तो आम आदमी को क्यों अपने गिफ्ट्स पर भरना पड़ता है टैक्स? इस टैक्स को हटा देना चाहिए. आइए देखते है क्या कहते है अनिल सिंघवी.

क्या है आज की मांग?

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Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री से मांग करते हुए कहा कि- “हमारे देश का इनकम टैक्स कानून (Income Tax Law) बड़ा ही विचित्र हैं. सारी राजनीतिक पार्टियां साल भर में जितना मर्ज़ी आए चंदा ले, लेकिन किसी चंदे पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता. वहीं अगर हम, आप किसी तरह का गिफ्ट लें, तो साल में 50 हज़ार से ज्यादा का गिफ्ट मिल गया तो उसपर भरिये टैक्स. इसमें छूट सिर्फ नज़दीकी रिश्तेदारों के गिफ्ट्स को दी गई हैं. वाह भाई, आपका गिफ्ट, गिफ्ट और हमारा गिफ्ट कमाई? कानून दोनों के लिए बराबर होना चाहिए. अगर राजनितिक पार्टियों का चंदा यानी की उनका गिफ्ट टैक्स फ्री है तो हमारे ऊपर टैक्स क्यों? या तो आप भी टैक्स दीजिए या हमें भी टैक्स फ्री कर दीजिए. लेवल प्लेइंग खेल होना चाहिए वित्त मंत्री जी. मुझे पता है बहुत मुश्किल काम है. कोई पार्टी इसके लिए तैयार नहीं होगी. पर हमारी तो यही मांग है, प्लीज, ये तो बदलिए वित्त मंत्री जी”.

 

 

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना ?

गिफ्ट्स पर टैक्स हो या नहीं इसपर एक्सपर्ट्स ने बात-चीत में दोनों ही पक्षों के बारे में सोचा. उनका कहना है कि जो इंसान गिफ्ट दे रहा है उसने तो पहले ही उसका टैक्स भर दिया होता है. तो फिर गिफ्ट जिसे मिल रहा है उससे टैक्स लेने का क्या मतलब बनता है?

राजनीतिक पार्टियों को मिल रहे चंदे पर टैक्स लगे हमारी मांग ये नहीं है, हमारी मांग ये है कि पोलिटिकल पार्टीज जैसे हमारे गिफ्ट्स भी टैक्स फ्री हो जाएं.

 

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