Advance Tax: आज एडवांस टैक्स जमा करने का आखिरी मौका है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 208 के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर्स की टैक्स लाएबिलिटी 10 हजार रुपए से ज्यादा होती है तो एडवांस में टैक्स जमा करना जरूरी है. एक वित्त वर्ष में इसे चार इंस्टॉलमेंट में जमा किया जाता है. आज तीसरे इंस्टॉलमेंट की आखिरी तारीख है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एडवांस टैक्स की पहली किस्त जमा करनी की डेडलाइन 15 जून 2022 और दूसरी डेडलाइन 15 सितंबर थी. तीसरी डेडलाइन 15 दिसंबर है और चौथी डेडलाइन 15 मार्च 2023 को होगी. अगर आप भी एडवांस टैक्स (Advance Tax) जमा करना चाहते हैं तो इसे ऑनलाइन भरा जा सकता है. टैक्स जमा करने के लिए लिए Challan 280 का इस्तेमाल होता है.

15 दिसंबर तक 75% टैक्स जमा करना जरूरी है

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चार्टर्ड अकाउंटेंट गरिमा बाजपेयी (CA Garima Bajpai) ने कहा कि नियम के मुताबिक, टोटल टैक्स लाएबिलिटी का 15 फीसदी 15 जून तक, 45% 15 सितंबर तक, 75 % 15 दिसंबर तक और 100 फीसदी अगले साल 15 मार्च तक जमा करना जरूरी है. उदाहरण से समझें तो 'A' की टैक्स लाएबिलिटी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 20 हजार रुपए है. ऐसे में एडवांस टैक्स के तहत उसे 15 जून तक कम से कम 3000 रुपए, 15 सितंबर तक कम से कम 9000 रुपए जमा करना होगा. 15 दिसंबर तक उसे कम से कम 15000 रुपए का टैक्स जमा करना होगा. बकाया उसे 15 मार्च 2023 तक जमा करना होगा.

एक्स्ट्रा Advance Tax पर मिलेगा इंटरेस्ट समेत रिफंड

अगर टैक्सपेयर की तरफ से एडवांस टैक्स के रूप में एक्स्ट्रा पे किया गया है तो उसे 6 फीसदी सालाना की दर से रिफंड मिलेगा. अगर कोई टैक्सपेयर डेडलाइन मिस करता है तो उसे सेक्शन 234B और सेक्शन 234C के तहत इंटरेस्ट भरना होगा.

किसे Advance Tax नहीं जमा करना होता है?

एडवांस टैक्स का नियम सैलरीड इंडिविजुअल, फ्रीलांसर, बिजनेस पर लागू होता है. अगर सीनियर सिटीजन की उम्र 60 साल से ज्यादा है और वह कोई बिजनेस नहीं करता है तो उसे एडवांस टैक्स नहीं जमा करना होगा. 

एडवांस टैक्स को लेकर presumptive taxation स्कीम क्या है

अगर कोई टैक्सपेयर सेक्शन 44AD के तहत presumptive taxation स्कीम को अपनाता है तो उसे एक वित्त वर्ष में केवल एकबार टैक्स जमा करना होगा. इसकी डेडलाइन 15 मार्च होती है. ऐसे टैक्सपेयर्स को हर वित्त वर्ष में 15 मार्च तक पूरा एडवांस टैक्स जमा करना होता है. टोटल टैक्स ये 15 मार्च के बाद 31 मार्च तक भर सकते हैं. presumptive taxation स्कीम के तहत डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, आर्किटेक्ट जैसे प्रेफेशनल्स आते हैं.

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