बड़ी खबर : इन टैक्सपेयर को बड़ी राहत, ITR-1 सरल फॉर्म के जरिये दाखिल कर सकेंगे रिटर्न
ITReturn Form-1 (Sahaj) Form-4 (Sugam) : इनकम टैक्स (Income Tax) डिपार्टमेंट ने आयकर रिटर्न फॉर्म (income tax return) में किए गए बदलावों को वापस ले लिया है.
इनकम टैक्स (Income Tax) डिपार्टमेंट ने आयकर रिटर्न फॉर्म (income tax return) में किए गए बदलावों को वापस ले लिया है. आपको बता दें कि घर का संयुक्त मालिकाना अधिकार (Property in joint ownership) रखने वाले, साल भर में 1 लाख रुपये का बिजली बिल भरने और विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च करने वाले टैक्सपेयर अब सामान्य आईटीआर-1 फार्म (ITR-1 Sahaj) में आयकर रिटर्न नहीं भर सकेंगे.
CBDT ने एक हफ्ते पुराने आदेश को वापस लेते हुए किसी एक आवासीय संपत्ति के संयुक्त मालिकों को Forms ITR-1 (Sahaj) या ITR-4 (Sugam) के जरिये आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की इजाजत दे दी है. आयकर विभाग ने 3 जनवरी 2020 को ज्वाइंट ओनरशिप वाली प्रॉपर्टी के व्यक्तिगत टैक्सपेयर और एक साल में एक लाख रुपये का बिजली का बिल अदा करने या विदेश यात्रा पर साल के दौरान दो लाख रुपये खर्च करने वालों पर सरल फार्म (Forms ITR-1 (Sahaj)) के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगा दी थी.
CBDT के मुताबिक इस अधिसूचना के बाद यह चिंता जताई जा रही थी कि इन बदलावों से व्यक्तिगत करदाताओं को परेशानी होगी. विभाग ने कहा कि इस मामले की समीक्षा के बाद यह फैसला हुआ है कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास किसी आवासीय संपत्ति का संयुक्त स्वामित्व है, उन्हें Forms ITR-1 (Sahaj) या ITR-4 (Sugam) के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जाए.
मौजूदा व्यवस्था में 50 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले आम निवासी व्यक्ति ITR-1 (Sahaj) फॉर्म भर सकते हैं. इसी प्रकार कारोबार और पेशे से होने वाली अनुमानित और 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF), एलएलपी को छोड़कर अन्य कंपनियां, व्यक्तिगत करदाता आईटीआर-4 सुगम में रिटर्न भरते हैं.
लेकिन नए नोटिफिकेशन में ITR में दो महत्वपूर्ण बदलाव किये गये थे. पहला, अगर किसी व्यक्ति के पास घर का संयुक्त मालिकाना अधिकार है तो वह आईटीआर-1 या आईटीआर-4 में अपना रिटर्न नहीं भर सकता. दूसरे, जिनके पास बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक जमा राशि है, जिन्होंने विदेश यात्राओं पर दो लाख रुपये खर्च किए हैं या सालभर में एक लाख रुपये या अधिक बिजली का बिल भरा है उनके लिये आईटीआर-1 में रिटर्न भरना वैध नहीं होगा. ऐसे करदाताओं को अलग फॉर्म भरना होगा.