क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल आज के वक्त में सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहा है. अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल (How to use credit card) ग्रामीण इलाकों में भी लोग करने लगे हैं. क्रेडिट कार्ड भी तमाम कंपनियां मुफ्त में ऑफर (Credit Card offers) कर रही हैं. एक तय सीमा तक शॉपिंग कर ली तो आपके क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले एनुअल चार्ज को भी माफ कर दिया जाता है. इन तमाम सुविधाओं और क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले ऑफर-रिवॉर्ड प्वाइंट्स (Credit Card Reward Points) की बदौलत लोगों पर कर्ज भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. कई लोग तो क्रेडिट कार्ड के कर्ज के दलदल में फंसते जा रहे हैं. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि इससे कैसे निकला जाए? सवाल ये भी है कि आखिर लोग क्रेडिट कार्ड के कर्ज में फंसते कैसे हैं?

पहले समझिए लोग कैसे फंसते हैं क्रेडिट कार्ड के कर्ज में

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क्रेडिट कार्ड आज के वक्त में एक स्टाइल स्टेटमेंट बनता जा रहा है. बेशक इसके कई फायदे हैं, लेकिन नुकसान भी कम नहीं. एक सबसे बड़ा नुकसान है इस पर पर लगने वाला ब्याज. क्या आप जानते हैं कि आपको एक पर्सनल लोन पर कितना ब्याज चुकाना पड़ता है? बता दें कि आमतौर पर पर्सनल लोन 12-16 फीसदी की दर से मिल ही जाता है. अगर आपका सिबिल स्कोर बहुत अच्छा है तो आपका ये कर्ज 10-11 फीसदी की दर पर भी मिल सकता है. लेकिन अधिकतर लोगों को ये पता नहीं होता है कि क्रेडिट कार्ड पर ब्याज की दर 30-42 फीसदी तक चली जाती है.

कौन फंसता है क्रेडिट कार्ड के कर्ज में?

क्रेडिट कार्ड के कर्ज तले वह दबता है, जो क्रेडिट कार्ड से खूब शॉपिंग करता है और कभी-कभी अपना बिल नहीं चुका पाता. कई बार कुछ लोग ये भी सोचते हैं कि वह अपने बिल का एक बड़ा हिस्सा चुका देंगे तो सिर्फ कुछ ही हिस्से पर ब्याज लगेगा, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आप अपना पूरा बिल नहीं चुकाते हैं तो आपको पूरे बिल पर ब्याज देना होगा. मान लीजिए कि आपका बिल आया है 50 हजार रुपये का और आपने 40 हजार चुका दिए. ऐसे में आपको सिर्फ 10 हजार रुपये पर ब्याज नहीं देना होगा, बल्कि पूरे 50 हजार रुपये पर ब्याज चुकाना होगा. ये ब्याज भी 30-42 फीसदी का होगा. 

यानी अगर इसी उदाहरण को लेकर समझें तो आपके महज 10 हजार बकाया पर 42 फीसदी मतलब करीब 3.5 फीसदी महीना के हिसाब से आपके पूरे बैलेंस (50 हजार रुपये) पर ब्याज लगेगा. इस तरह आपको सिर्फ 1 महीने के लिए ही 1750 रुपये का ब्याज चुकाना होगा. वहीं लेट फीस जो लगेगी वो अलग. इसी तरह धीरे-धीरे कर के कुछ लोगों पर क्रेडिट कार्ड का कर्ज बढ़ते-बढ़ते काफी ज्यादा हो जाता है और वह इसके जाल में फंस जाते हैं.

इन 2 तरीकों से निकलें क्रेडिट कार्ड के जाल से बाहर

अगर आपके ऊपर क्रेडिट कार्ड की वजह से भारी कर्ज हो गया है, तो आपको सबसे पहले जरूरत है क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को सीमित कर देने की. वहीं अपने बकाया को तुरंत चुकाएं, भले ही उसके लिए आपको पर्सनल लोन ही क्यों ना लेना पड़े. ध्यान रहे कि आपको बैंक से पर्सनल लोन सिर्फ 12-14 फीसदी ब्याज पर मिल जाएगा, जबकि क्रेडिट कार्ड के बकाया पर आपको 30-42 फीसदी का ब्याज चुकाना पड़ रहा है, जो पर्सनल लोन दर की तुलना में करीब तीन गुना है. तो तुरंत ही किसी बैंक से पर्सनल लोन लें और अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुका दें. पर्सनल लोन की कुछ किस्तें बनवा लें और धीरे-धीरे उसे चुकता करते रहें. साथ ही कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड का कम से कम इस्तेमाल करें.

अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने का दूसरा तरीका ये भी हो सकता है कि आप कंपनी से बात करें और अपने बकाया को ईएमआई में बदलवा लें. यानी अगर आपका बिल 1 लाख रुपये का है और आप उसे नहीं चुका पा रहे हैं तो आप उसकी ईएमआई बनवा सकते हैं और फिर धीरे-धीरे उसे चुका सकते हैं. ईएमआई बनवाने पर आपको 42 फीसदी ब्याज नहीं देना पड़ेगा.

वैसे तो क्रेडिट कार्ड फायदों की भरमार होता है, लेकिन जरा सी चूक हुई नहीं कि यही क्रेडिट कार्ड जी का जंजाल बन जाता है. क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करते वक्त आपको स्मार्ट तरीका अपनाना होगा. क्रेडिट कार्ड से उतनी ही शॉपिंग करें, जितनी आपकी कमाई है. कई बार लोग बिना सोचे-समझे क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते ही चले जाते हैं और इसी वजह से वह क्रेडिट कार्ड के जाल में फंस जाते हैं.