ये तो आप जानते ही हैं कि म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश (investment) को कभी भी भुनाया जा सकता है. लेकिन निवेशक की मौत होने की सूरत में नियम थोड़े बदल जाते हैं. अक्सर नियमों की जानकारी न होने के चलते निवेशक का परिवार मृतक के निवेश को भुना नहीं पाता या फिर निवेश ज्यों का त्यों पड़ा ही रह जाता है. 

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म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन की इस खास पेशकश में हम आपको बताने वाले हैं कि निवेशक की मृत्यु होने के बाद निवेश का क्या होगा, कैसे मृतक का परिवार निवेश भुना सकता है और नॉमिनी को लेकर क्या शर्ते हैं. इन मुद्दों पर सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी विस्तार से चर्चा कर रहे हैं.

जितेंद्र सोलंकी के मुतताबिक, म्यूचु्अल फंड में निवेश सिंगल या संयुक्त रूप से किया जा सकता है. 3 लोग भी मिलकर म्यूचु्अल फंड में निवेश कर सकते हैं. निवेशक की मौत के बाद यूनिट नॉमिनी को ट्रांसफर होती हैं. यूनिट ट्रांसफर करने के लिए प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. नॉमिनी सिर्फ निवेश का कस्टोडियन होता है. नॉमिनी को निवेश कानूनी वारिस को देना होता है.   

ट्रांसफर के लिए क्या करें

सह-निवेशक में से एक या दो की मौत होने पर मृत निवेशक का डेथ सर्टिफिकेट पेश करना जरूरी होता है. इस सर्टिफिकेट को गजेटेड ऑफिसर से अटेस्ट करना जरूरी है. बैंक मैनेजर से भी सर्टिफिकेट अटेस्ट करवा सकते हैं. निवेशक के नाम का कैंसिल चेक भी दे सकते हैं. बैंक अकाउंट स्टेटमेंट भी मान्य होंगे. जीवित निवेशक का KYC अगर पहले नहीं हुआ है तो FATCA (फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट और CRS (कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड) की पूरी जानकारी देना जरूरी है.

सभी सह-निवेशकों की मौत

अगर सभी सह-निवेशकों की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को क्लेम के लिए रिक्वेस्ट लेटर देना होगा. साथ में मृतकों का डेथ सर्टिफिकेट पेश करना जरूरी है. सर्टिफिकेट को गजेटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवा लें. बैंक मैनेजर से भी सर्टिफिकेट अटेस्ट करवा सकते हैं. नॉमिनी के लिए KYC भी करवाना जरूरी है और इसके लिए FATCA और CRS की पूरी जानकारी देनी होगी.

जब नॉमिनी रजिस्टर्ड न हो

नॉमिनी को क्लेम के लिए रिक्वेस्ट लेटर देना होगा.

मृत निवेशक का डेथ सर्टिफिकेट पेश करना जरूरी.

सर्टिफिकेट को गजेटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवाना जरूरी.

बैंक मैनेजर से भी सर्टिफिकेट अटेस्ट करवा सकते हैं.

नॉमिनी के लिए KYC भी करवाना जरूरी है.

कानूनी उत्तराधिकारी के लिए क्षतिपूर्ति बॉन्ड- एनेक्स्चर 3.

कानूनी उत्तराधिकारी के लिए व्यक्तिगत एफिडेविट- एनेक्स्चर 4.

अगर रकम `2 लाख से कम तो रिश्ते का सबूत देना होगा.

रकम `2 लाख से ज्यादा तो मांगे गए दस्तावेज दिखाने होंगे.

FATCA और CRS की पूरी जानकारी देना भी जरूरी है.

2 लाख से अधिक की रकम होने पर

अगर क्लेम की रकम 2 लाख रुपये से ज्यादा है तो क्लेम लेने के लिए विल की नोटरी की हुई कॉपी, कानूनी वारिस होने का सर्टिफिकेट, कोर्ट का जारी किया हुआ सर्टिफिकेट जमा करना होगा और साथ ही FATCA, CRS को पूरी जानकारी देनी होगी.

अगर MF डिमैट में हैं

म्यूचुअल फंड यूनिट डिमैट अकाउंट में हैं तो ऐसे में ट्रांसफर की प्रक्रिया समान होगी. बस डिमैट के मामले में दस्तावेज अलग होंगे.