कंपनी छोड़ने के बाद भी मिलता रहेगा हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा, बस आपको करना होगा ये एक जरूरी काम
Group Health Insurance to Individual Health Insurance: कंपनी अपने कर्मचारियों को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का कवर देती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कंपनी छोड़ने के बाद भी आपका इसका फायदा उठा सकते हैं. जानिए क्या कहते हैं इससे जुड़े नियम.
Group Health Insurance: ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस ज्यादातर कंपनी अपने कर्मचारियों और उनके परिवार को देती है. कई कंपनियों में ये बिल्कुल फ्री होता है, जिससे मुश्किल की घड़ी में कर्मचारियों को एक बड़ा सहारा मिलता है. हालांकि, यदि आपने कंपनी से इस्तीफा दे दिया तो कई सुविधाएं खत्म हो जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आप कंपनी द्वारा दिए गए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ लगातार उठा सकते हैं.
नहीं होता है वेटिंग पीरियड
बीमा नियामक संस्थान बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के नियमों के मुताबिक कंपनी छोड़ने के बाद भी आप अपना ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस को इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी में बदल सकते हैं. आप यदि ग्रुप हेल्थ पॉलिसी को माइग्रेट कर रहे हैं तो उसके सभी फायदे भी आपको मिलते रहेंगे. नियमों के अनुसार ग्रुप हेल्थ पॉलिसी को माइग्रेट करने के बाद वेटिंग पीरियड नहीं होता है. हालांकि, आपके ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड में चल रहा है तो माइग्रेट करने के बाद भी वेटिंग पीरियड पूरा करना होगा.
पॉलिसी पोर्ट के लिए आवेदन
नियमों के मुताबिक नौकरी में आपके आखिरी दिन से लगभग 30 से 45 दिन पहले आपको पॉलिसी पोर्ट करने के लिए आवेदन देना होगा. इसके बाद बीमा कंपनी आपसे अतिरिक्त जानकारी मांग सकती है. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस को यदि आप माइग्रेट कर रहे हैं तो अपनी जरूरतों के अनुरूप उसे बदल सकते हैं. आप चाहे तो उसमें कुछ नई सुविधाएं भी जोड़ सकते हैं. ऐसा आप ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस के दौरान नहीं कर सकते थे.
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ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की रकम कर्मचारी और कंपनी के बीच बातचीत के बाद तय होती है. यदि आप ग्रुप इंश्योरेंस को इंडिविजुअल इंश्योरेंस में पोर्ट करते हैं तो आप उसकी रकम और कवरेज को भी बढ़ा भी सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी से बातचीत भी करनी होगी.