आज के समय में मकान या फ्लैट खरीदना कोई मामूली बात नहीं है. इसके लिए अच्‍छी खासी रकम की जरूरत होती है. ऐसे में अगर व्‍यक्ति नौकरीपेशा है और परिवार की जिम्‍मेदारियां भी देख रहा है, तो उसके लिए मकान खरीद पाना आसान नहीं होता. इसके लिए बेहतर फाइनेंशियल प्‍लानिंग की जरूरत होती है. अगर आप भी ऐसी किसी परिस्थिति में हैं, तो यहां जानिए एक खास फॉर्मूले के बारे में. इस फॉर्मूले के जरिए आप बेहतर तरीके से फाइनेंशियल मैनेजमेंट कर पाएंगे और अपने मकान की ख्‍वाहिश पूरी कर पाएंगे.

ये है खास फॉर्मूला

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इस मामले में फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट दीप्ति भार्गव कहती हैं कि मकान या फ्लैट खरीदने के लिए नौकरीपेशा व्‍यक्ति या किसी भी मिडिल क्‍लास व्‍यक्ति को 3/20/30/40 का फॉर्मूला अपनाना चाहिए. इससे आप अपनी इनकम से आसानी से घर को मैनेज भी कर लेंगे, घर का बजट भी नहीं बिगड़ेगा और खुद के फ्लैट का सपना भी पूरा कर लेंगे. 

ऐसे समझें फॉर्मूला

इस फॉर्मूले में 3 का मतलब है आप जो भी मकान खरीदने जा रहे हैं, उसकी लागत आपकी कुल वार्षिक आय से तीन गुना से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. यानी अगर आपकी वार्षिक आय 10 लाख रुपए है तो आप 30 लाख रुपए तक का मकान या फ्लैट खरीद सकते हैं.

वहीं 20 की बात करें तो इसका मतलब लोन के टेन्‍योर से है. एक मिडिल क्‍लास व्‍यक्ति को इतने बड़े खर्च के लिए लोन की जरूरत पड़ती ही है. ऐसे में आपके लोन को चुकाने की अवधि 20 साल से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. आप अगर इससे कम रख सकते हैं, तो ज्‍यादा अच्‍छा है.

30 का मतलब आपकी ईएमआई से है. आप जो भी कमाते हैं, उसकी 30 प्रतिशत से ज्‍यादा आपकी ईएमआई नहीं होनी चाहिए. मान लीजिए कि आप हर महीने 80 हजार रुपए कमाते हैं तो आपकी ईएमआई 24 हजार से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए.

40 का मतलब है आपके डाउन पेमेंट से. जब भी आप कोई फ्लैट लेते हैं, तो आपको उसका डाउन पेमेंट करना होता है. कोशिश करिए कि आप 40 फीसदी तक डाउन पेमेंट कर सकें. इससे आपको लोन कम से कम लेना होगा और कम लोन लेंगे तो उसे छोटी किस्‍तों में और कम समय में चुका सकते हैं. जैसे मान लीजिए आपकी वार्षिक इनकम 10 लाख रुपए है और आपने 30 लाख का फ्लैट खरीदा, तो आपको करीब 12,00,000 रुपए डाउन पेमेंट कर देना चाहिए और शेष रकम का आप लोन ले सकते हैं.