पिछले कुछ समय से बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है. बाजार में जारी उथल-पुथल का असर म्यूचुअल फंड निवेशकों पर भी पड़ रहा है. जिन निवेशकों ने पिछले कुछ सालों में निवेश किया है, उन्हें कम या निगेटिव रिटर्न देखने को मिल रहे हैं. SIP (सिप- सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये निवेश करने वाले निवेशकों को भी ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है. ऐसे में निवेशक अपने निवेश को लेकर काफी परेशान हैं, लेकिन इस उथल-पुथल के दौर में भी आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं, अपने नुकसान को कम कर सकते हैं और वह सिर्फ सही इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी अपनाकर.

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Wise Invest Advisors के CEO हेमंत रुस्तगी के मुताबिक, पिछले कुछ समय से बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. ऐसे में निवेश के टारगेट को वक्त पर पूरा कर पाने की चुनौती है. इसलिए ऐसे समय में बहुत सोच-समझकर बाजार में निवेश करना चाहिए.

हेमंत रुस्तगी बताते हैं कि सही समय पर सही निवेश करने से निश्चित ही अच्छे रिटर्न मिलते हैं. इसलिए गिरते बाजार में निवेश की स्ट्रैटजी अपनानी चाहिए. बाजार में हलचल का इक्विटी निवेशकों पर ज्यादा असर पड़ता है. इक्विटी ऑरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स में भी कम रिटर्न मिल रहा है. ऐसे में लक्ष्य आधारित निवेश संभलने में मदद करता है. इसलिए मौजूदा हालात में निवेश में कुछ बदलाव की जरूरत है. 

टारगेट की प्लानिंग

लक्ष्यों की प्लानिंग के वक्त सोच-समझकर निवेश की रकत तय करें. लंबी अवधि के लिए महंगाई की गणना कर लक्ष्य तय करें. बच्चों की पढ़ाई, शादी, रिटायरमेंट लंबी अवधि के लक्ष्य हैं. ऐसे इंवेस्टमेंट में लक्ष्यों के लिए रिटर्न की गणना कम ही रखें.

मान लीजिए आप 10 साल के लिए निवेश कर रहे हैं. ऐसे में आपको अपेक्षित रिटर्न 12 फीसदी रखना चाहिए. 10 साल का हिस्टोरिकल रिटर्न 12 फीसदी से ज्यादा है. अपेक्षित रिटर्न कम होने से ज्यादा रकम निवेश करेंगे. इससे गिरावट के बावजूद लक्ष्य वक्त पर पूरे होंगे.  

इसलिए अपने टारगेट्स के लिए एक साल का सुरक्षा कवच रखें. अगर 10 साल के लिए इंवेस्ट कर रहे हैं तो निवेश प्लान 9 साल का बनाना चाहिए. बाजार में गिरावट से कम रिटर्न भी आया, तब भी आपका लक्ष्य समय पर पूरा हो सकेगा.

पोर्टफोलियो का रिव्यू करें

निवेश अवधि पूरा होने से पहले पोर्टफोलियो रीबैलेंस करें. लक्ष्यों की अवधि के एक या दो साल पहले रीबैलेंसिंग जरूरी है. आप रिटायरमेंट के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहे हैं तो इक्विटी से अपना निवेश डेट में शिफ्ट करना बेहतर होगा. रीबैलेंसिंग जोखिम कम करेगी, रिटर्न भी बेहतर मिलता रहेगा. 

असेट अलोकेशन करें

असेट अलोकेशन फिट निवेश का अहम जरिया है. यह अवधि के मुताबिक, जोखिम तय करने में मददगार होता है. आपका निवेश जितनी लंबी अवधि के लिए होगा, उतना ही ज्यादा एक्सपोजर इक्विटी में बेहतर होगा. आपका निवेश जितने कम समय के लिए होगा, उतना ही आपका निवेश डेट में अच्छा होगा. असेट अलोकेशन से निवेश बैलेंस होता है. 

ऐसे भी कर सकते हैं शुरूआत

अगर आपने निवेश शुरू करते वक्त असेल अलोकेशन नहीं किया है. लक्ष्यों की प्लानिंग और पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग भी नहीं की है और अब म्यूचुअल फंड नगेटिव रिटर्न दे रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आराम से अपना पोर्टफोलियो रिव्यू करें और उसमें जरूरी बदलाव करें. जितने लक्ष्य नजदीक हैं, उनका निवेश सुरक्षित कर लें.

कई बार ऐसा होता है कि फिट दिखने वाले म्यूचुअल फंड कम रिटर्न देने लगते हैं. इससे निवेशक परेशान हो जाते हैं और निवेश बंद कर देते हैं. लंबे वक्त में अच्छा रिटर्न देने वाले फंड्स से भी कम रिटर्न मिल रहा है. ऐसे में छोटी अवधि में बाजार की उठापठक से डरना सही नहीं है. इक्विटी फंड्स में निवेश हमेशा लंबी अवधि के लिए करें. छोटी अवधि में मार्केट के मूड को देखकर फंड न बदलें.

मिड-स्मॉल कैप में गिरावट का तोड़

लार्ज कैप के मुकाबले मिड और स्मॉल कैप में ज्यादा गिरावट देखने को मिलती है. मिड कैप और स्मॉल कैप में उतार-चढ़ाव अभी भी जारी है. और किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो में मिड कैप और स्मॉल कैप की अहम भूमिका होती है. ऐसे में सही असेट अलोकेशन ही अच्छे रिटर्न की चाबी होती है. लंबी अवधि के निवेशक हैं तो लार्ज कैप में 60 फीसदी निवेश रखें, बाकी 40% निवेश मिड कैप और स्मॉल कैप में रखना बेहतर होता है. इन फंड्स में SIP के जरिये निवेश जारी रखें.

सलाहकार की मदद लें

बाजार के उतार-चढ़ाव की सभी को जानकारी नहीं होती है. इसलिए जोखिम कम करने के लिए सलाहकार जरूरी होता है. निवेश सलाहकार सही जगह निवेश करने में मदद करता है. 

गिरावट के दौरान संभलें

बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर आता ही रहता है. बाजार में उतार-चढ़ाव छोटी अवधि के लिए होता है. इसलिए कभी भी उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है. अनुशासन के साथ अपना नियमित निवेश जारी रखें. गिरावट के दौर में भी SIP से निवेश जारी रखें.

 

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गिरावट खरीदारी का मौका

जब बाजार में गिरावट हो, इससे घबराएं नहीं बल्कि, इस मौके फायदा उठाएं. बाजार में गिरावट खरीदारी का अवसर होता है. गिरावट में SIP/STP से निवेश करें. लंबी अवधि में फंड अच्छा रिटर्न देते हैं. लार्ज कैप या मल्टी कैप में निवेश बेहतर होता है.