मकान हर किसी की जरूरत है, लेकिन जिस तरह से प्रॉपर्टी के दाम ने पिछले कुछ सालों से आसमान को छुआ है, ऐसे में एक आम आदमी के लिए अपनी इनकम से मकान खरीद पाना आसान नहीं होता. यही वजह है कि आज के समय में ज्‍यादातर लोग होम लोन (Home Loan) की मदद से अपने आशियाने का सपना पूरा करते हैं. लेकिन होम लोन लेने से पहले सिर्फ इसका ब्‍याज देख लेना काफी नहीं होता. तमाम अन्‍य बातों को भी समझना जरूरी है. अगर आप भी पहली बार होम लोन लेने जा रहे हैं तो यहां जान लीजिए होम लोन से जुड़ी कुछ जरूरी टिप्‍स.

लोन लेने से पहले आर्थिक स्थिति को जांच लें

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होम लोन लेने से पहले आपको थोड़ा डाउन पेमेंट भी करना पड़ता है. ये प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 10 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक हो सकता है. साथ ही लोन लेने के बाद आपकी हर महीने की मासिक किस्‍त शुरू हो जाएगी, जो कि लंबे समय तक चलेगी. ऐसे में आपको एक बार खुद की आर्थिक स्थिति को अच्‍छे से देख लेना चाहिए. ताकि बाद में आपको किसी तरह की परेशानी को न झेलना पड़े.

लोन की रकम ऐसे तय करें

लोन लेने से पहले आपको एक बार ये जरूर कैलकुलेट कर लेना चाहिए कि सभी जरूरतों और देनदारियों के बाद आप आसानी से कितनी किस्‍त का भुगतान कर सकते हैं. इसके बाद ही ये तय करें कि आपको लोन के रूप में कितनी रकम लेनी है. सरल नियम यह है कि आपकी EMI आपके टेक-होम वेतन के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए.

लोन फीचर्स की तुलना करें

लोन लेते समय आपका क्रेडिट स्‍कोर अच्‍छा होना चाहिए. इससे आपकी विश्‍वसनीयता बढ़ती है और लोन अप्रूव होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अच्‍छे क्रेडिट स्‍कोर पर कई बार बेहतर ब्‍याज दरों पर लोन भी मिल जाता है. इसके अलावा अलग-अलग बैंक के इंटरेस्ट रेट्स, लोन अमाउंट, एलटीवी रेश्यो, लोन टेन्योर और प्रोसेसिंग चार्ज में अंतर होता है. ऐसे में होम लोन के लिए अप्‍लाई करने से पहले बैंकों के लोन फीचर्स की तुलना करें, उसके बाद लोन के लिए अप्‍लाई करें.

ज्‍यादा डाउन पेमेंट देने का फायदा

अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्‍छी है, तो होम लोन के लिए ज्‍यादा डाउन पेमेंट दें. इससे आपके लोन अप्रूव होने की संभावना बढ़ती है. वहीं कुछ लेंडर कम एलटीवी रेश्यो का चयन करने वाले बॉरोअर्स को कम ब्याज दरों की पेशकश करते हैं. लेकिन ज्यादा डाउन पेमेंट देने के लिए अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करने से बचें.

इतना होना चाहिए इमरजेंसी फंड

लोन के लिए अप्‍लाई करने जा रहे हैं, तो अपने पास इमरजेंसी फंड जरूर रखें. ये आपकी ईएमआई की 6 महीनों की किस्‍तों के बराबर होना चाहिए. कई बार नौकरी छूट जाने या किसी अन्‍य परिस्थिति के चलते ईएमआई चुका पाना मुश्किल हो जाता है. इससे आप पर पेनल्‍टी लग सकती है, साथ ही आपका क्रेडिट स्‍कोर भी खराब हो सकता है. ऐसे में आपका इमरजेंसी फंड मददगार होता है.

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